सनसनी फैलाने की कोशिश हेमंत ने बयान में आगे कहा कि सनसनी के लिए ऐसा किया गया है। मैं तो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की भलाई के लिए शिक्षकों से यह कह रहा था कि वे विद्यार्थियों की अनदेखी न करें। इससे आपको पाप लगेगा। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा था कि वे शिक्षकों को परेशान न करें। इससे उन्हें पाप लगेगा, लेकिन मीडिया और कुछ कांग्रेस नेताओं ने मामले को जिस तरह तूल दिया उससे कैंसर रोगियों और उनके परिजनों को कष्ट हुआ होगा। मैं तो कैंसर रोगियों के लिए निरंतर कार्य कर रहा हूं। मेरा उद्देश्य कैंसर रोगियों को दर्द देने का नहीं था। इसलिए मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं।
बिस्वा शर्मा ने दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले जन्म में किए गए पापों का ही नतीजा होता है, जिन लोगों को कैंसर हो जाता है। बिस्वा ने कहा कि पिछले जन्म में ही किए गए कामों के आधार पर पर लोग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझते हैं।
माता-पिता की गलतियों की सजा भी भुगतनी पड़ती है गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि कैंसर पाप का फल है, कैंसर होना, एक्सीडेंट होना ये सब पिछले जन्मों के कर्मों का नतीजा होता है। उन्होंने कहा कि ये ईश्वरीय न्याय है, ईश्वरीय न्याय होकर रहता है, कोई इससे बच नहीं सकता। इसके अलावा बिस्वा शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी कर्मों की सजा हमें ही भुगतनी होती है, कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हमारे माता-पिता गलती कर देते हैं, जिसकी सजा भी कभी-कभी हमें ही भुगतनी पड़ती है।
पूर्व वित्त मंत्री ने साधा निशाना अपने इस बयान को लेकर हेमंत बिस्वा विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बिस्वा के इस बयान पर ट्वीट कर लिखा, ”असम के मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा – कैंसर पिछले जन्म के पाप का फल है, एक आदमी पर पार्टी बदलने का क्या ये असर होता है।” आपको बता दें कि हेमंत बिस्व शर्मा कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। उन्हें एक समय पर असम कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिना जाता था। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलकर उन्होंने बीजेपी का हाथ थाम लिया।
ट्वीट का दिया जवाब
चिदंबरम के इस ट्वीट का जवाब भी देते बिस्वा ने कहा, ”सर प्लीज, बयान को तोड़े मरोड़ें नहीं, हिंदू धर्म कर्म के आधार पर फल पर यकीन करता है और मनुष्य को दुख उन्हीं बुरे कर्मों की वजह से मिलता है जो उसने पिछले जन्म में किए हैं।