बता दें कि आईटी पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष शशि थरूर ने हेट स्पीच को लेकर फेसबुक द्वार पक्षपात बरतने के आरोप में पिछले महीने नोटिस जारी किया था। कमेटी के अध्यक्ष की ओर से जारी नोटिस में फेसबुक प्रबंधन के प्रतिनिधियों को कमेटी के सामने पेश होने को कहा था। साथ ही इस बारे में स्पष्टीकरण देने को भी कहा गया है।
Covid-19 : 24 घंटे में 80024 नए कोरोना केस आए सामने, 1021 मौतें फेसबुक पर आरोप है कि उसने सोशल नेटवर्किंग साइट ( social networking site ) पर भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के नेताओं द्वारा पोस्ट की गई नफरत फैलाने वाली सामग्री की अनुमति दी। साथ ही हेट स्पीच को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बदले अपने कारोबारी हित को साधने का काम किया। फेसबुक की इस नीति को कमेटी ने गंभीर और देशभर में द्वेष फैलाने वाली कार्रवाई माना है।
शशि थरूर ने यह नोटिस उस समय जारी किया जब यह मुद्दा अमरीकी के वॉल स्ट्रीट जर्नल ( Wall Street Journal ) ने एक रिपोर्ट फेसबुक द्वारा बीजेपी के नेताओं को बचाने को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसके बाद भारत में विपक्षी दलों ( Opposition Parties ) ने इस मामले की जांच की मांग की थी।
दूसरी तरफ शशि थरूर के इस रुख की बीजेपी ने सख्त आलोचना की है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि शशि थरूर कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के इरादे से काम कर रहे हैं। ऐसा कर वो नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इस आधार पर बीजेपी ने थरूर से पैनल के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग की है।
आज विश्व नारियल दिवस है, जानें एक साधारण फल कैसे भारतीयों की जीवन में इतना महत्वपूर्ण हो गया? वहीं मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ( Electronics and IT Minister Ravi Shankar Prasad ) ने मार्क जुकरबर्ग को एक पत्र लिख फेसबुक के प्रबंधन से कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को अपमानित करने वाले हेट स्पीच का रिकॉर्ड भी कमेटी के सामने रखें। ताकि ये पता चल सके कांग्रेस नेताओं ने कब-कब और कितनी बार पीएम और केंद्रीय मंत्रियों के सामने हेट स्पीच को फेसबुक पर पोस्ट किया।