हरियाणा में नए साल से पहले खट्टर सरकार अपने कैबिनेट में फेरबदल की तैयारी में जुटी है। 28 दिसंबर को राजभवन में कैबिनेट का विस्तार होगा, जिसमें नए मंत्री शपथ लेंगे। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही अन्य मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल होगा। बीजेपी के कोटे के मंत्रियों के विभागों में बड़े फेरबदल की तैयारी है। वहीं सहयोगी दल जजपा कोटे से बनने वाले मंत्री को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के विभागों में से ही एक-दो विभाग दिए जाएंगे।
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कई दिनों से हो रहा था मंथन
हरियाणा में कैबिनेट विस्तार को लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा था। ऐसा माना जा रहा है कि किसान आंदोलन की वजह से इसमें काफी देरी हो गई। सीएम मनोहर लाल के अलावा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की भी पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से कई बार बैठकें हुईं। इस पर मुहर क्रिसमस से पहले लगी। 2022 से पहले सरकार दो विधायकों को मंत्री पद का तोहफा दे सकती है।
हरियाणा में कैबिनेट विस्तार को लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा था। ऐसा माना जा रहा है कि किसान आंदोलन की वजह से इसमें काफी देरी हो गई। सीएम मनोहर लाल के अलावा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की भी पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से कई बार बैठकें हुईं। इस पर मुहर क्रिसमस से पहले लगी। 2022 से पहले सरकार दो विधायकों को मंत्री पद का तोहफा दे सकती है।
फिलहाल 12 मंत्री हैं और दो ही नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जानी है। इनमें बीजेपी से डॉ. कमल गुप्ता और जजपा से देवेंद्र बबली को मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
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विज का भार हो सकता है कम
नए मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े मंत्रियों का भार कम हो सकता है। जैसे अनिल विज की ही बात करें तो उनके पास कई मंत्रालयों का काम है। वह गृहमंत्री हैं, स्वास्थ्य मंत्री भी हैं और साइंस, टेक्नोलॉजी, टेक्नीकल एजुकेशन के विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे हैं। ऐसे में उनकी तरह और भी नेता है जिनके पास जिम्मेदारी ज्यादा है। उनके भार को कम कर नए मंत्रियों पर दायित्व बढ़ाए जा सकते हैं।
विज का भार हो सकता है कम
नए मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े मंत्रियों का भार कम हो सकता है। जैसे अनिल विज की ही बात करें तो उनके पास कई मंत्रालयों का काम है। वह गृहमंत्री हैं, स्वास्थ्य मंत्री भी हैं और साइंस, टेक्नोलॉजी, टेक्नीकल एजुकेशन के विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे हैं। ऐसे में उनकी तरह और भी नेता है जिनके पास जिम्मेदारी ज्यादा है। उनके भार को कम कर नए मंत्रियों पर दायित्व बढ़ाए जा सकते हैं।