इस बात की जानकारी उत्तराखंड पुलिस ने अपने ट्विटर हैन्डल पर दी। इस ट्वीट में उत्तराखंड पुलिस ने लिखा, “सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है और विधिक कार्यवाही प्रचलित है।”
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, उत्तराखंड के हरिद्वार में तीन दिवसीय धर्म संसद आयोजित किया गया था। ये धर्म संसद सोमवार (20 दिसम्बर) को खत्म हुआ जिसमें अलग-अलग संतों और धर्मगुरुओं द्वारा धर्म के लिए शस्त्र उठाने, किसी भी मुस्लिम को देश का प्रधानमंत्री न बनने देने, मुस्लिमों की आबादी न बढ़ने देने जैसे भड़काऊ भाषण दिए गए थे।
ये धर्म संसद जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने आयोजित की थी। इसमें भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा, धर्मदास महाराज , वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी, स्वामी प्रबोधानंद, समेत कई साधु-संत जुटे थे।
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हिंदू महासभा की जनरल सेक्रेटरी और निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां ने इस दौरान अपने एक भाषण में कहा, ‘2029 में आप लोग मुसलमान को प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे, इसका वचन दें। धर्म बचाना चाहते हो तो कॉपी-किताबों को रख दो और हाथ में शस्त्र उठा लो।”
ऐसे ही कई ऐसे भड़काऊ भाषण दिए गए जिसे आप सोशल मीडिया पर देख सकते हैं।इसको लेकर आम जनता और कई राजनीतिक दलों ने आपत्ति भी जताई। इसके साथ ही सख्त एक्शन लेने की मनाग की थी।