सीक्रेट मीटिंग के वायरल वीडियो पर बोले हार्दिक पटेल, राहुल गांधी से मिलूंगा तो बता कर जाऊंगा
गिरफ्तार हुआ तो तेज होगी लड़ाई
मीडिया से बात करते हुए हार्दिक पटले ने कहा कि गुजरात में आरक्षण आंदोलन मामले में उन्हें पहले जमानत मिल गई है। मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास है। मैं कोर्ट की कार्यवाही में हाजिर नहीं हो पाया था। हम लोगों के खिलाफ ऐसे समय में वारंट जारी कराया गया है जब गुजरात में चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। अगर पुलिस मुझे गिरफ्तार करती है तो यह आंदोलन और तेज हो जाएगा। मैं इस जंग में अकेले नहीं बल्कि लाखों हार्दिक मेरे साथ हैं।
गिरफ्तार हुआ तो तेज होगी लड़ाई
मीडिया से बात करते हुए हार्दिक पटले ने कहा कि गुजरात में आरक्षण आंदोलन मामले में उन्हें पहले जमानत मिल गई है। मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास है। मैं कोर्ट की कार्यवाही में हाजिर नहीं हो पाया था। हम लोगों के खिलाफ ऐसे समय में वारंट जारी कराया गया है जब गुजरात में चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। अगर पुलिस मुझे गिरफ्तार करती है तो यह आंदोलन और तेज हो जाएगा। मैं इस जंग में अकेले नहीं बल्कि लाखों हार्दिक मेरे साथ हैं।
वारंट में लाल जी पटेल का नाम भी शामिल
वारंट में सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लाल जी पटेल का भी नाम शामिल है। जानकारी के मुताबिक गुजरात में आरक्षण आंदोलन के दौरान इन सात लोगों ने बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी। कोर्ट ने मामले में तीन बार आरोपियों को समन जारी किया लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ। जिसके बाद बुधवार को कोर्ट ने 7 लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया।
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2015 में हुआ था पटेलों का आरक्षण आंदोलन
गौरतलब है कि गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत पटेल समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में आंदोलन किया था। उस दौरान हार्दिक और उनके साथियों की 25 अगस्त 2015 को थोड़े समय के लिए हुई गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान पुलिस कार्रवाई में नौ लोगों की मौत हो गई थी।
2015 में हुआ था पटेलों का आरक्षण आंदोलन
गौरतलब है कि गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत पटेल समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में आंदोलन किया था। उस दौरान हार्दिक और उनके साथियों की 25 अगस्त 2015 को थोड़े समय के लिए हुई गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान पुलिस कार्रवाई में नौ लोगों की मौत हो गई थी।
कई मुकदमों को वापस ले चुकी है सरकार
दरअसल गुजरात में पटेलों की आबादी करीब 15 प्रतिशत है। इसके साथ ही बीजेपी के 182 में से 44 विधायक भी इस समुदाय से हैं। ऐसे में बीजेपी पटेलों को अपना बड़ा वोट बैंक मानती है। आरक्षण की मांग को लेकर पटेल सरकार से नाराज चल रहे हैं। आंदोलन के दौरान 457 मामलों का दर्ज किया गया था लेकिन बाद में सरकार ने 50 से ज्यादा मुकदमों को वापस ले लिया था। इसका मकसद पटेल समुदाय को चुनाव के पहले खुश करना था। हालांकि जिन मुकदमों को वापस लिया गया था उसमें हार्दिक पटेल का नाम नहीं था जिस वजह से उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। हार्दिक पर देशद्रोह समेत कई मामलों में मुकदमा दर्ज हो चुका है। कई मामलों में उन्हें जमानत भी मिली है।