लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, 10 साल पुराने सहोयगी दल ने तोड़ लिया गठबंधन
नई दिल्ली। बड़ी खबर पश्चिम बंगाल से आ रही है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को यहां बड़ा झटका लगा है। दस साल पुराने सहयोगी दल गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अचानक भाजपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है। गोरखा मोर्चा के अलग होने से भाजपा को चार सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
जानकारी के मुताबिक, मोर्चा के एनडीए से अलग होने से भाजपा को उत्तरी बंगाल में चार सीटों पर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जिसमे दार्जिलिंग की सीट भी शामिल है। ऐसा माना जाता है कि यहां बिना मोर्चा को साथ लिए कोई भी पार्टी जीत दर्ज नहीं कर सकती है। वहीं, एनडीए से अलग होने के बाद गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिनय तमांग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बाबत पत्र लिखा है। साथ ही कहा है कि वह तीसरे मोर्चे का हिस्सा बनना चाहते हैं।
तीसरे मोर्चे के साथ जाएगा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा गौरतलब है कि शनिवार को तमांग ने पार्टी के महासचिव अनित थापा के साथ विपक्षी दलों की विशाल रैली में हिस्सा लिया था। जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा भाजपा से अलग हो सकती है। ऐसे में तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए मोर्चा ने एनडीए से अलग होने का सोमवार को आधिकारिक रूप से ऐलान कर दिया। तमांग ने पत्र में लिखा कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पिछले 10 साल से एनडीए के साथ है, हम आधिकारिक रूप से तीसरा मोर्चा के संयोजक के साथ गठबंधन करना चाहते हैं और एनडीए के साथ गठबंधन खत्म कर रहे हैं। हम तीसरा मोर्चा के साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
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