14 विधायकों के इस्तीफे के बाद अभी कर्नाटक सियासी संकट ( Karnataka Crisis ) टला नहीं था कि गोवा ( Goa Crisis ) में बुधवार को हुए बड़े राजनैतिक घटनाक्रम ने देश में सियासी भूचाल ला दिया है। भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने कांग्रेस में जबर्दस्त सेंध लगाते हुए न केवल उसे दो फाड़ कर दिया है, बल्कि नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस के 10 विधायकों को अपने में शामिल कर लिया। भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के ये विधायक आज यानी गुरुवार को गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगे। आपको बता दें कि कांग्रेस के राज्य में 15 विधायक थे। अब पांच बचे हैं।
भाजपा विधायकों की संख्या 17 से बढ़कर 27
कावलेकर ने पार्टी की राज्य इकाई में टूट के लिए गोवा ( Goa Crisis ) में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद और विपक्षी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं होने को जिम्मेदार बताया। इस हतप्रभ कर देने वाले घटनाक्रम के बाद अब राज्य विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 17 से बढ़कर 27 हो गई है।
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ये विधायक हुआ भाजपा में शामिल
जो दस विधायक कांग्रेस से अलग हुए हैं उनमें चंद्रकांत कावलेकर, इसीडोर फर्नाडिस, फ्रांसिस सिलवेरा, फिलिप नेरी रोड्रिगेज, जेनिफर एवं अतानासियो मोनसेराते, अंतोनियो फर्नाडिस, नीलकंठ हालारंकर, कलाफासियो डॉयस और विल्फ्रेड डी सा शामिल हैं।
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विधानसभा अध्यक्ष ने मुहर लगा दी
कांग्रेस ( Goa Crisis ) के पास अब पांच विधायक बचे हैं। इनमें दिगंबर कामत, लुजिन्हो फलेरियो, रवि नाइक, प्रताप सिंह राणे (यह सभी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं) और अलेक्सो रेजिनाल्डो शामिल हैं। कांग्रेस से अलग हुए विधायकों के इस समूह के भाजपा में शामिल होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को देर शाम मुहर लगा दी।
भाजपा में कर दिया विलय
इसके बाद राज्य ( Goa Crisis ) के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ( Goa CM Pramod Sawant ) ने राज्य विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस के दस विधायकों ने, जो कांग्रेस विधायक दल का दो तिहाई हिस्सा हैं, नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में अपनी पार्टी को छोड़ दिया और आज (बुधवार को) अपना विलय भाजपा में कर दिया। भाजपा विधायकों की संख्या अब 17 से बढ़कर 27 हो गई है।”सावंत ने बताया कि इस विलय को पार्टी हाईकमान की स्वीकृति हासिल है।
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राज्य के नेताओं के बीच के मतभेद
कावलेकर ने भी राज्य विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बात की। उन्होंने कहा कि इस फैसले की एक वजह पार्टी के राज्य के नेताओं के बीच के मतभेद भी हैं जिसकी वजह से राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने की स्थिति में नहीं आ सकी।
यह पूछने पर कि क्या यह अजीब नहीं है कि नेता विपक्ष सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो जाए, कावलेकर ने कहा, “नेता विपक्ष होने के साथ साथ, मैं एक क्षेत्र का विधायक भी हूं और यह मेरा दायित्व है कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र की देखभाल करूं।” ( Goa Crisis )