इस बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सदस्य गुलाम नबी आजाद ने सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी। गुलाम नबी आजाद ने इस दौरान सुषमा स्वराज से जुड़े बीते पलों को याद किया।
राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी ने कहा कि सुषमा के निधन से उनको गहरा धक्का लगा है। आजाद ने कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि वह अचानक इस तरह से चली जाएंगी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह सुषमा स्वराज को 1977-78 से जानते थे। उन्होंने कहा कि जब वह यूथ कांग्रेस में थे, तब सुषमा स्वराज पहली बार मंत्री बनी थीं। तब से लेकर उनके अंतिम क्षणों तक उन्होंने कभी एक-दूसरे का नाम लेकर नहीं पुकारा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि चाहे वो सदन हो या फिर कोई भी अन्य अवसर वह हमेशा भाई कहकर मेरे हालचाल पूछती थीं। वह पूछती थीं कि भाई आप कैसे हो, बदले में वह भी उनसे बहन तुम कैसी हो? कहकर कुशलक्षेम पूछते थे।
आजाद ने कहा कि भले ही हम एक दूसरे के विपक्ष में थे, लेकिन वह महज राजनीति का हिस्सा है। लेकिन असल जिंदगी में वह भाई-बहन की तरह थे। उन्होंने कहा कि वास्तव में उनका जाना एक बहन का जाना है।