Rajasthan political crisis: Sachin Pilot ने की Priyanka-Rahul से मुलाकात, अटकलों का बाजार गर्म
सचिन पायलट ने जो शर्त रखी उसकी अनुसार उनके खेमे के दो वरिष्ठ नेता उपमुख्यमंत्री बनाए जाएं और अन्य को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाए। जबकि कुछ को किसी बोर्ड, न्यास, निगम की जिम्मेदारी सौंपी जाए। इसके साथ ही सचिन पायलट को कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव का दर्जा दिया जाए। वहीं, कांग्रेस में अपनी सम्माजनजक वापसी के लिए सचिन पायलट ने यह भी शर्त रखी कि राहुल गांधी की ओर से एक घोषणा पत्र जारी हो, जिसमें उनसे किए वादों को लागू करने का ऐलान किया जाए। आपको बता दें कि बागी बनने से पहले सचिन पायलट न केवल राजस्थान के उपमुख्यमंत्री थी, बल्कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे। हालांकि सचिन के बगावती तेवर देख कांग्रेस हाईकमान ने उनको दोनों ही पदों से हटा दिया था।
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वहीं, आईएएनएस के अनुसार कांग्रेस ने पायलट को आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य की राजनीति के बारे में उनकी शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा और उनकी पिछली स्थिति उप मुख्यमंत्री और राज्य पार्टी प्रमुख को बहाल किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि पायलट खेमे ने अहमद पटेल सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से संपर्क किया था और हालिया घटनाक्रम पर राहुल गांधी को भी विश्वास में लिया गया है और उन्होंने इस कदम का समर्थन किया है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी के अनुभवी नेता अहमद पटेल उस मुद्दे को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं, जिसने पायलट खेमे की बगावत से राज्य में अशोक गहलोत सरकार का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था। कांग्रेस ने इस वाकये के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था।