चार्जिंग सुविधा का अभाव
ईवी के लिए सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग सुविधा का अभाव है। इस पर तेजी से काम हो रहा है। घरों-रिहायशी सोसायटियों में लोग अपने वाहन को चार्ज करने की सुविधा जुटा रहे हैं। समस्या बाहर निकलने या दूर को सफर से जुड़ी है। तय दूरी के बाद ईवी चार्ज करनी पड़ेगी। जहां चार्जिंग सुविधा नहीं है, वहां बैटरी की अदला-बदली कर मंजिल की ओर रवाना हो सकते हैं। बैटरी स्वैपिंग सेवा मुफ्त नहीं मिलेगी।
…दिल मांगे ईवी
टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष एएल कोद्रोस ने कहा कि ईवी टैक्सी बेहतर विकल्प है। ईंधन खर्च कम होने से कमाई बढ़ सकती है। हम दिल से ईवी को अपनाना चाहते हैं। सीएनजी टैक्सी चला रहे ज्यादातर ड्राइवर ईवी लेना चाहते हैं। अभी पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन नहीं हैं। हां, बैटरी की अदला-बदली सुविधा शुरू होने के बाद यह आसान हो सकता है।
स्टार्टअप के लिए मौका
हॉप इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के संस्थापक केतन मेहता ने कहा बजट घोषणा पर अमल के बाद देश भर में बैटरी सेंटर खुलेंगे। नए स्टार्ट-अप के लिए इस क्षेत्र में अवसर बनेंगे। अभी ईवी महंगे हैं। उत्पादन बढऩे पर इसकी लागत कम हो सकती है। रेव-फिन के सीईओ समीर अग्रवाल ने कहा कि स्वच्छ ईंधन का विकल्प मिलेगा तो शहरों में प्रदूषण कम होगा। पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होने पर निश्चित तौर पर लोग ईवी अपनाएंगे।
सबके लिए अवसर
सोसायटी ऑफ मैनुफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमईवी) के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने बजट में बैटरी स्वैपिंग घोषणा को ईवी के लिए गेमचेंजर बताया। इससे ईवी का निजी ही नहीं कमर्शियल इस्तेमाल बढ़ेगा। परिवहन निगम में भी ई-बसें शामिल की जा सकती हैं। बैटरी स्वैपिंग सेवा के लिए कंपनियां निवेश बढ़ाए।