इसे लेकर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को रायपुर में पत्रकारवार्ता लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार अपने चावल का कोटा एफसीआई में जमा नहीं कर पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से (CM Bhupesh Baghel) कहा कि पहले पिछला चावल जमा करें, फिर केंद्र सरकार को 100 लाख मीट्रिक टन चावल दें।
यह भी पढ़ें
CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में थमेगा बारिश का सिलसिला, तापमान में होगी भारी गिरावट….बढ़ेगी उमस
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, हमने यहां हुई गड़बड़ी की जांच कराई थी। इसमें 65 हजार 701 मीट्रिक टन अनाज कम मिला था। इसमें 22 पर एफआईआर भी हुई। उन्होंने कहा, राज्य सरकार केंद्र द्वारा खरीदे जाने वाले चावल को लेकर सिर्फ राजनीति कर रही है। चावल घोटाला (Union Minister Piyush Goyal) करने के लिए बायोमेट्रिक पद्धति से धान खरीदने के लिए इनकार कर दिया। मतलब साफ है ये राज्य सरकार धान खरीदी भ्रष्टाचार करना चाहती है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के किसान इस बात को पूरी तरह से समझते है। जनता को पता है कि मोदी है तो जनता सुरक्षित है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना को भी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कॉपी कर रही है। 53 लाख मीट्रिक टन लाख चावल दे सके केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस साल 86 लाख मीट्रिक टन चावल देने की बात कही थी, लेकिन अब तक 53 लाख मीट्रिक टन लाख चावल दे पाई है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि यहां की कांग्रेस सरकार को गरीबों को मुफ्त (CG Politics News) में राशन देने के लिए ठीक से काम नहीं कर रही है।
यह भी पढ़ें
कांग्रेस नेता की पत्नी की मौत, टायर फटने से अनियंत्रित हुई कार….हुआ हादसे का शिकार
केंद्रीय मंत्री की बातों में कोई दम नहीं : सीएम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आरोपों को चुनावी स्टंट बताया है। उन्होंने कहा, पिछले समय केंद्र सरकार की टीम जांच करके चली गई है। चूंकि अब चुनाव के समय आए हैं, तो केवल आरोप लगाने आए हैं। इसके अलावा उनकी बातों में कोई दम नहीं है। हमने राशनकार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया है। सब को राशन पहुंच रहा है। जिन राशन दुकानों में कमी थी, उसे राज्य सरकार ने स्वयं संज्ञान लेते हुए कार्रवाई कर दी है। अब ये केवल चुनाव के लिए आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि बायोमेट्रिक्स अनिवार्य नहीं करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है। इसके पीछे राज्य सरकार का तर्क है कि छत्तीसगढ़ में सुदूर एवं दुर्गम अंचलों में बड़ी आबादी निवास करती है। राज्य के बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्र के (Chhattisgarh Election) दूरस्थ एवं पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कई स्थानों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी की वजह से बायोमेट्रिक लागू करने में दिक्कत होगी।
यह भी पढ़ें