मोदी के ट्वीट के बाद ही मच गई खलबली
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देश को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी कि वे एक महत्वपूर्ण संदेश देने वाले हैं। करीब एक घंटे तक देशभर के मीडिया में मोदी के ट्वीट का जिक्र होता रहा। मोदी ने करीब आठ मिनट तक देश को संबोधित किया। इसके बाद कई राजनीतिक पार्टियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पीएम को इसकी घोषणा की इजाजत क्यों दी गई?
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आयोग ने मांगी पीएम के भाषण की कॉपी
पीएम के संबोधन के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की। वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए आयोग जाने की बात कही। शिकायत मिलने पर आयोग ने सख्त होते हुए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की कॉपी मांगी है।
येचुरी ने अपनी शिकायत में क्या कहा?
येचुरी ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि इस तरह का मिशन देश को डीआरडीओ बताता है, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री ने इसे लेकर राष्ट्र को संबोधित किया। जबकि, पीएम मोदी खुद लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं। ऐसे में आचार संहिता लागू होने के बाद उनको इसकी इजाजत कैसे दी जा सकती है? येचुरी ने आयोग से यह भी सवाल किया है कि क्या उन्हें इस संदेश के बारे में जानकारी थी? क्या चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की इजाजत दी थी?