हम सब चाहते हैं मंदिर बने
उन्होंने कहा कि अजीब बात है जब चुनाव आता है भगवान राम के मंदिर निर्माण की बात सामने आती है। भगवान राम का मंदिर बने इसमें किसी को ऐतराज नहीं। हम सब चाहते हैं, लेकिन भगवान राम भी नहीं चाहेंगे कि किसी विवादस्पद स्थल पर राक का मंदिर बने। बेहतर तो यही होगा कि सरकार मंदिर मुद्दे का सर्वर हल निकाले।
उन्होंने कहा कि अजीब बात है जब चुनाव आता है भगवान राम के मंदिर निर्माण की बात सामने आती है। भगवान राम का मंदिर बने इसमें किसी को ऐतराज नहीं। हम सब चाहते हैं, लेकिन भगवान राम भी नहीं चाहेंगे कि किसी विवादस्पद स्थल पर राक का मंदिर बने। बेहतर तो यही होगा कि सरकार मंदिर मुद्दे का सर्वर हल निकाले।
संत समाज का सरकार को अल्टीमेटम
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीति गरम है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा मंदिर निर्माण के लिए सुनवाई 19 जनवरी 2019 तक टालने की वजह से इस मुद्दे को बल बल मिला है। शीर्ष अदालत के इस निर्णय के बाद से हिंदू संगठनों ने केंद्र सरकार से संसद में कानून बनाकर या अध्यादेश लाकर 2019 से पहले मंदिर निर्माण शुरू करने को कहा है। शिवसेना प्रमुख इस बात को तूल देने के लिए 25 नवंबर को अयोध्या जा रहे हैं। वहीं वीएचपी और संघ ने भी सरकार रे मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने को कहा है। संघ के नेताओं का कहना है कि मंदिर अब नहीं तो कभी नहीं। दूसरी तरफ संत समाज इस मुद्दे पर आर पार के मूड में हैं और उन्होंने छह दिसंबर अंतिम समय सीमा तय कर दी है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीति गरम है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा मंदिर निर्माण के लिए सुनवाई 19 जनवरी 2019 तक टालने की वजह से इस मुद्दे को बल बल मिला है। शीर्ष अदालत के इस निर्णय के बाद से हिंदू संगठनों ने केंद्र सरकार से संसद में कानून बनाकर या अध्यादेश लाकर 2019 से पहले मंदिर निर्माण शुरू करने को कहा है। शिवसेना प्रमुख इस बात को तूल देने के लिए 25 नवंबर को अयोध्या जा रहे हैं। वहीं वीएचपी और संघ ने भी सरकार रे मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने को कहा है। संघ के नेताओं का कहना है कि मंदिर अब नहीं तो कभी नहीं। दूसरी तरफ संत समाज इस मुद्दे पर आर पार के मूड में हैं और उन्होंने छह दिसंबर अंतिम समय सीमा तय कर दी है।