राजनीति

जयपुर से नई दिल्ली तक उठी रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग, सांसद और विधायक ने भी उठाई आवाज

एक सुर में उठी रतनलाल का शहीद का दर्जा देने की मांग
नेशनल हाइवे 11 पर ग्रामीणों ने लगाया जाम
रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की जिद पर अड़े ग्रामीण

Feb 26, 2020 / 11:11 am

Dhirendra

सीकर/नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर-पूर्व दिल्ली के मौजपुर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान सीकर निवासी हेडकांस्टेबल रतनलाल की मौत के बाद से पूरा देश गम में डूबा है। खासकर उनके गांव तिहावली में मातम पसरा हुआ है। इस बीच ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया है।
ग्रामीणों की मांग है कि रतनलाल को शहीद का दर्जा दिया जाए। गांव वालों की इस मांग का खुलकर समर्थन विधायकों और सांसदों ने भी अपने-अपने स्तर पर की है। सीएम मुख्यमंत्री ने शहीद का दर्जा देने की मांग की है तो केंद्र सरकार ने भी समुचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
वीडियोः हेडकांस्टेबल रतनलाल की मौत की खबर सुनकर उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

झुंझुनू से सांसद नरेंद्र खीचड़ ने पार्टी और केंद्र सरकार से रतनलाल को शहीद दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है। रतनलाल ने सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में मिसाल पेश करते हुए अपनी जान तक दे दी। हिंसा के बीच रतनलाल ने शांति बनाए रखने के लिए खुद के जान की परवाह तक नहीं की।
उन्होंने कहा मेरी पार्टी के बड़े नेताओं से बातचीत हुई है। हम रतनलाल को शहीद का दर्जा दिलाएंगेे। शहीद का दर्जा दिलाने का लेकर लिखित में आश्वासन पर उन्होंने कहा कि यह दर्जा सरकार की ओर से दिया जाता है। इसलिए सबकुछ लिखित में ही होगा।
वीडियोः ग्रामीणों ने रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग की, हाइवे पर लगाया जाम

राजस्थान के फतेहपुर विधानसभा सीट से विधायक हाकम अली ने भी रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने मंगलवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। इसके अलावा बतौर जनप्रतिनिधि हाकल अली सीएम अशोक गहलोत से मिले । उन्होंने सीएम से जोर देकर अनुरोध किया कि रतनलाल अपने कर्तव्य निर्वहन करते हुए मारे गए हैं।
इसलिए उन्हें राज्य सरकार शहीद का दर्जा प्रदान करे। साथ ही रतनलाल का अंतिम संस्कार भी राजकीय सम्मान के साथ करना सुनिश्चित कराए। हाकम अली ने कहा कि यह दुखद घटना है। दुख की इस घड़ी में मैं रतन परिजनों के साथ हूं। मैं उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तिहावली जा रहा हूं।
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दूसरी ओर दिल्ली में हुई हिंसा का शिकार हुए दिल्ली पुलिस ( क्मसीप च्वसपबम ) के हेड कांस्टेबल रतन लाल को ग्रामीणों ने शहीद का दर्जा और परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। दिल्ली हिंसा में रतनलाल की मौत के बाद फतेहपुर ( सीकर ) में ग्रामीणों ने किया रास्ता जाम कर दिया है। नेशनल हाइवे संख्या 11 पूरी तरह बंद है। सीकर के सदिनसर गांव के पास हाइवे पर ग्रामीण बैठे हैं। मांग स्वीकार होने तक ग्रामीणों ने शव को लेने से इनकार कर दिया है। यहां तक कि ग्रामीण शबर को लेरक गांव जाने को भी तैयार नहीं हैं।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने शहीद के परिजनों को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर रखी है। ऐसे में यदि रतन लाल को शहीद का दर्जा दिया जाता है तो उनके परिजनों को दिल्‍ली सरकार की ओर से एक करोड़ रुपए का मुआवजा भी मिलेगा। हालांकि दिल्‍ली पुलिस के दिवंगत जवान के परिजनों और ग्रामीणों को उम्मीद है कि देश सेवा में शहादत देने वाले उनके सपूत को शहीद का दर्जा के साथ मुआवजा भी मिलेगा।

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