यही नहीं पीडीपी चीफ मुफ्ती ने कहा कि बेशक, हम चुनाव लड़ने जा रहे रहैं, हम उन्हें कोई जगह नहीं देंगे, लेकिन मैं तब तक चुनाव नहीं लड़ूंगी, जब तक कि कश्मीर में फिर से घारा-370 बहाल नहीं कर दिया जाता। इसको लेकर जब तक लड़ना पड़ेगा लड़ूंगी।
यह भी पढ़ेँः Parliament Winter Session: 12 सांसदों के निलंबन पर नहीं थम रहा बवाल, कल राज्यसभा का बहिष्कार करेगा विपक्ष महबूबा मुफ्ती लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। इससे पहले पीडीपी चीफ ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि गांधी का भारत गोडसे का भारत बन गया है।’ इसके लिए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल और मौजूदा शासनकाल की तुलना की।
क्रिकेट मैच के बहाने कसा तंज
मुफ्ती ने अपनी दलील को साबित करने के लिए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का सहारा भी लिया।
मुफ्ती ने कहा, ‘मुझे वाजपेयी जी के दौर में भारत और पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच याद है, जहां पाक के नागरिक भारत के लिए जयकार कर रहे थे और भारत के नागरिक पाकिस्तान के लिए जयकार कर रहे थे।
मुफ्ती ने अपनी दलील को साबित करने के लिए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का सहारा भी लिया।
मुफ्ती ने कहा, ‘मुझे वाजपेयी जी के दौर में भारत और पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच याद है, जहां पाक के नागरिक भारत के लिए जयकार कर रहे थे और भारत के नागरिक पाकिस्तान के लिए जयकार कर रहे थे।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भी की तत्कालीन भारतीय कप्तान एमएस धोनी की तारीफ की थी।’ लेकिन बीते दिनों जब आगरा में भारत के साथ मैच के दौरान कुछ युवाओं ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जय-जयकार की तो एक भी वकील उनका पक्ष लेने को तैयार नहीं हुआ। इसलिए अब लगता है कि गांधी का भारत अब गोडसे का भारत बनता जा रहा है।
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ऐसा पहली बार नहीं है जब महबूबा मुफ्ती ने चुनाव ना लड़ने की बात कही हो। इससे पहले इसी साल जून में केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के अगले ही दिन उन्होंने घोषणा की थी कि अनुच्छेद 370 की बहाली तक वे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी।
ऐसा पहली बार नहीं है जब महबूबा मुफ्ती ने चुनाव ना लड़ने की बात कही हो। इससे पहले इसी साल जून में केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के अगले ही दिन उन्होंने घोषणा की थी कि अनुच्छेद 370 की बहाली तक वे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी।
यहां तक कि चुनाव में उनकी पार्टी जीतती है तो वे मुख्यमंत्री तक नहीं बनेंगी।