दिल्ली हाई कोर्ट ( Delhi High Court ) ने लोक जनशक्ति पार्टी नेता चिराग पासवान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने को चुनौती दी थी।
यह भी पढ़ेँः मोदी सरकार के 42 फीसदी मंत्री दागी, 90 प्रतिशत हैं करोड़पति इस रिपोर्ट में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे चिराग पासवान को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने चाचा पशुपति पारस को सदन में पार्टी नेता को तौर पर मान्यता देने पर चुनौती दी थी।
चिराग पर जुर्माना लगाना चाहती थी कोर्ट
जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा, ‘मुझे इस याचिका में कोई दम नजर नहीं आ रहा।’ यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट इस याचिका को लेकर चिराग पर जुर्माना भी लगाना चाहती थी, लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया।
जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा, ‘मुझे इस याचिका में कोई दम नजर नहीं आ रहा।’ यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट इस याचिका को लेकर चिराग पर जुर्माना भी लगाना चाहती थी, लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया।
ये थी याचिका
चिराग की ओर से दायर याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था।
चिराग की ओर से दायर याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था।
ये है मामला
दरअसल हाल में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान चिराग के चाचा पशुपति पारस ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। पशुपति कुमार पारस ने गुरुवार को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल लिया। बिहार के हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया।
दरअसल हाल में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान चिराग के चाचा पशुपति पारस ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। पशुपति कुमार पारस ने गुरुवार को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल लिया। बिहार के हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया।
बिहार ईकाई के प्रमुख थे पारस
बता दें कि पशुपति पारस इससे पहले LJP की बिहार इकाई के प्रमुख थे। लेकिन भतीजे से तनाव के बाद अब वह इसके अलग हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
बता दें कि पशुपति पारस इससे पहले LJP की बिहार इकाई के प्रमुख थे। लेकिन भतीजे से तनाव के बाद अब वह इसके अलग हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
पारस बोले- चिराग सिर्फ संपत्ति का वारिस
भतीजे से तनाव के बीच पारस ने कहा कि वह अपने दिवंगत भाई रामविलास पासवान के ‘वास्तविक राजनीतिक उत्तराधिकारी’ हैं न कि चिराग पासवान, जो अपने पिता की संपत्ति के वारिस हो सकते हैं।
भतीजे से तनाव के बीच पारस ने कहा कि वह अपने दिवंगत भाई रामविलास पासवान के ‘वास्तविक राजनीतिक उत्तराधिकारी’ हैं न कि चिराग पासवान, जो अपने पिता की संपत्ति के वारिस हो सकते हैं।
यह भी पढ़ेंः केंद्रीय कैबिनेट विस्तार के बाद पहली बार तीन दिन के गुजरात दौरे पर जाएंगे अमित शाह, जानिए क्या है प्लानिंग चिराग ने नीतीश पर साधा निशाना
बता दें कि इससे पहले चिराग पासवान ने चाचा पारस के कैबिनेट मंत्री बनने पर नीतीश को भी आड़े हाथों लिया। चिराग ने कहा कि, ‘बिहार के सीएम नीतीश कुमार उनके बागी चाचा पशुपति कुमार पारस के लिए केंद्रीय कैबिनेट में एक सीट छोड़ने के लिए सहमत हो गए जिसका उनका एकमात्र उद्देश्य मुझे नीचा दिखाना था।’
बता दें कि इससे पहले चिराग पासवान ने चाचा पारस के कैबिनेट मंत्री बनने पर नीतीश को भी आड़े हाथों लिया। चिराग ने कहा कि, ‘बिहार के सीएम नीतीश कुमार उनके बागी चाचा पशुपति कुमार पारस के लिए केंद्रीय कैबिनेट में एक सीट छोड़ने के लिए सहमत हो गए जिसका उनका एकमात्र उद्देश्य मुझे नीचा दिखाना था।’
चिराग ने दावा किया कि बिहार में बहुत जल्द मध्यावधि चुनाव होगा और इसकी नींव नीतीश कुमार ने खुद डाल दी है। दरअसल पिछले वर्ष रामविलास पासवान के निधन के बाद पारस और चिराग पासवान के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई थी, जो बिहार विधानसभा चुनाव के बाद खुलकर सामने आ गई। दोनों पक्ष अब पार्टी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं।