जमीनी स्तर पर प्रचार में कमी
दरअसल, कांग्रेस ( Congress ) की हार की सबसे बड़ी वजह इस बात को माना जा रहा है कि वैसे तो कांग्रेस के स्टार प्राचरकों में सबसे ऊपर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम था। लेकिन ये तीनों ही बड़े नेता चुनावी मैदान में उस अंदाज में नजर नहीं आए, जो उन्हें होना चाहिए था। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता पूरी तरह प्रचार में सक्रिय थे, जबकि कांग्रेसी नेता चुनाव के दौरान सक्रिय नजर नहीं आए। वहीं चुनाव के दौरान जमीनी स्तर पर कांग्रेस का संगठन नहीं दिखा। कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी पार्टी के कैंपन में देखने को मिली।
नहीं ढूंढ पाई शीला दीक्षित का विकल्प
कांग्रेस दिल्ली के लिए कोई कद्दावर चेहरा नहीं उतार पाई, जिस वजह से लोगों को पार्टी अपनी तरफ नहीं खींच पाई। वहीं शीला दीक्षित की कमी भी पार्टी में साफ दिखाई दी। वहीं कांग्रेस शीला की कमीन को पूरा नहीं कर पाई और उनका कोई विकल्प नहीं तलाश सकी। हालांकि, दिल्ली में कांग्रेस के पास कपिल सिब्बल, अजय माकन और सुभाष चोपड़ा जैसे नेता जरूर हैं। लेकिन ये लोग शीला दीक्षित की तरह दिल्ली में लोगों से नहीं जुड़ पाए। कुल मिलाकर पार्टी ने बीजेपी और आप पार्टी की तरह प्रचार नहीं किया, जिसकी वजह से पार्टी को ये हार देखनी पड़ी है।