आपको बता दें कि अमर सिंह का सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया है। कुछ समय पहले ही उनका किडनी की प्रत्यारोपण हुआ था। इसके बाद से ही वे अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे।
अंतिम संस्कार में कम संख्या में पहुंचेंगे लोग
सोमवार सुबह रक्षा मंत्री छतरपुर स्थित अमर सिंह के निवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने अमर सिंह के परिवार से भी मुलाकात की और दुख की इस घड़ी में उन्हें ढांढस बंधाया। बता दें कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल के चलते अमर सिंह के अंतिम संस्कार में कम लोग ही पहुंचेंगे।
इससे पहले अमर सिंह का पार्थिव शरीर फिलहाल दिल्ली स्थित उनके घर छतरपुर में रखा गया है, जहां प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल यादव ने वहां पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। अमर सिंह का समाजवादी पार्टी में काफी अहम स्थान रहा है। मुलायम सिंह से अच्छी दोस्ती के चलते वे पार्टी में लंबे समय तक नंबर दो की पोजिशन पर रहे। हालांकि अखिलेश के सत्ता संभालने के बाद उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली थी। आखिरी के दिनों में अमर सिंह की नजदीकी भारतीय जनता पार्टी से बढ़ने लगी थी। हालांकि उन्होंने पार्टी जॉइन नहीं की।
पीएम मोदी ने भी अमर सिंह के निधन पर उनके व्यक्तित्व और काम के तरीके को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि अमर सिंह एक ऊर्जावान नेता थे। वे देश की राजनीति में अहम उतार-चढ़ाव के गवाह भी रहे। वे अपनी जिंदगी में दोस्ती के लिए भी जाने जाते थे।
सरकार के लिए रहे ‘संकटमोचन’
अमर सिंह को राजनीतिक जगत में संकटमोचन के नाम भी जाना जाता था। दरअसल यूपीए 1 को गिरने से बचाने में अमर सिंह की भूमिका काफी अहम रही थी। 2008 में अमर सिंह समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद थे और उन्होंने ही यूपीए की बिखरती सरकार को गिरने से बचाया था।