बायोडाटा के साथ लगाएंगे रिपोर्ट गूगल फॉर्म में दावेदारों के नाम सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट किया जाता है। इसके आधार पर गूगल फॉर्म एक डिटेल रिपोर्ट देता है। इसमें सर्वे से जुड़ी लगभग तमाम जानकारी होती है। इसी जानकारी का फायदा टिकट के दावेदार उठाना चाहते हैं। दावेदारों का कहना है कि इसके रिजल्ट को अपने बायोडाटा के साथ लगाएंगे, ताकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी उनके जनाधार का आंकलन हो सकें। उम्मीद है कि इससे टिकट मिलने में आसानी होगी।
दांव उल्टा पड़ने का डर CG Politics News: कुछ टिकट के दावेदारों को दांव उल्टा पड़ने का डर भी सता रहा है। यही वजह है कि वे अपने समर्थकों और पहचान वालों को ही सर्वे का (Raipur Hindi News) लिंक भेज रहे हैं। साथ ही मनमनौव्वल भी कर रहे हैं कि सर्वे में उनके नाम के आगे टिक किया जाए।
कामकाज का भी आकलन गूगल फॉर्म के सर्वे का उपयोग कई तरीके से हो रहा है। इस काम में विरोधी भी सक्रिय हो गए हैं। वे मौजूदा विधायक के कामकाज के आकलन के लिए भी इसका उपयोग कर रहे हैं।
अब कई दौर के राजनीतिक सर्वे चुनावी दौर में राजनीतिक पार्टियों के लिए सर्वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही वजह है कि कांग्रेस-भाजपा में अब तक अलग-अलग तीन दौर का सर्वे पूरा हो गया है। ये सर्वे निजी एजेंसियों से कराएं जाते हैं, ताकि निष्पक्ष रूप से नतीजे सामने आएं। इसके अलावा संगठन के (CXG Hindi News) वरिष्ठ लोगों को भी सर्वे की जिम्मेदारी दी जाती है। कांग्रेस-भाजपा के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी ने भी अपने स्तर पर सर्वे करवाया है। बता दें कि राजनीतिक दलों का सर्वे टिकट वितरण का प्रमुख आधार होता है। पिछले दिनों एक राजनीतिक दल के सर्वे की रिपोर्ट सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
जहां भाजपा, वहां ज्यादा जोर CG Politics News: पत्रिका को गूगल फॉर्म सर्वे के जो लिंक मिले हैं, वो ज्यादातर कांग्रेस नेताओं से जुड़े हैं। वे जहां वर्तमान में भाजपा विधायक है, वहां ज्यादा जोर लगा रहे हैं। उन्हें पता है कि यहां टिकट मिलना आसान होगा। वहां जहां कांग्रेस के विधायक कमजोर है, वहां भी गूगल सर्वे का दौर चल रहा है। अभी तक रायपुर ग्रामीण, बलौदाबाजार, भाटापारा, जैजैपुर, अंतागढ़ सहित अन्य विधानसभा क्षेत्र के गूगल सर्वे प्रमुखता से सामने आए हैं।