सज्जन कुमार को उम्र कैद के बाद राजनीति शुरू, कांग्रेस ने गुजरात दंगों का मुद्दा उठाया
नई दिल्ली। 1984 सिख विरोधी दंगों के एक मामले में सज्जन कुमार को दोषी ठहराए के बाद राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने पहले टिप्पणी की कि इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए और फिर बाद में 2002 गुजरात दंगों के मामले को उठाते हुए कथित तौर पर सांप्रदायिक हिंसा में शामिल भाजपा नेताओं के लिए सजा की मांग कर दी।
गुजरात में हुई इस सांप्रदायिक हिंसा में 1,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने 2002 गुजरात दंगों का मामला उठाया। उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
1984 सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार के खिलाफ यह मुकदमे थे दर्ज, जानिए क्या हुआ था उस दिन इस दौरान कपिल सिब्बल ने कहा, “सज्जन कुमार के पास कोई पद नहीं है, न ही पार्टी ने उन्हें कहीं से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया। जबकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को, जो दंगों में शामिल रहे हैं, पद दिया गया है। जो तत्कालीन समय में मुख्यमंत्री थे, वह आज देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं।”
बता दें कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को एसआईटी ने 2002 गुजरात दंगों से जुड़े मामले में क्लीन चिट दे दी थी। इस क्लीन चिट को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है।
मोदी को दी गई क्लीन चिट को जाकिया जाफरी ने चुनौती दी है। जाकिया जाफरी, दंगों के दौरान सबसे बदतर घटनाओं में से एक गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में मारे गए कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा हैं।
वहीं, सज्जन कुमार को दोषी करार देने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। सिंघवी ने कहा, “उनको (सज्जन कुमार को) दोषी करार दिया जाना एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह मामला 20 साल से लंबे समय से चल रहा था और इसमें कई को दोषी करार दिया गया व रिहा किया गया है। इसे राजनीतिक संदंर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए और लोगों को इससे राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिंसा को ‘मानवता के खिलाफ अपराध करार’ देते हुए सज्जन कुमार को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि हिंसा राजनेताओं द्वारा पुलिस के साथ मिलकर रची गई थी।