रमजान और चुनावों के बारे में चर्चा को जावेद अख्तर ने बताया घृणित, ट्वीट कर की निंदा
आपको बता दें कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद से प्रियंका सार्वजनिक मंचों पर भाषण देने से बचती दिखीं हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रोड शो में भी राहुल गांधी ने ही भाषण का जिम्मा संभाला था। हालांकि प्रियंका पार्टी की बैठकों में जरूर शामिल रहीं हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रियंका पर्दे के पीछे से ही कांग्रेस संगठन को मजबूती देने का काम करेंगी। इसके साथ ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का चुनाव न लड़ना भी लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि पहले उनके पंजाब की अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबर सामने आईं थी। लेकिन बाद में पूर्व पीएम ने खुद लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई।
संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी
आपको बता दें कि इस साल जनवरी में प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में उतरने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने उनको आधिकारिक तौर पर कांग्रेस का महासचिव बनाया था। इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनको पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया था, जबकि कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है।