ऐसे में सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस की जिम्मेदारी काफी अधिक बढ़ गई है। लिहाजा, अब तक कमजोर स्थिति में दिखाई पड़ी रही कांग्रेस में जान फूंकने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। इसी तैयारी के मद्देनजर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज (बुधवार) शाम पार्टी के संसदीय रणनीतिक समूह की एक बड़ी बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इसमें कई अहम बड़े फैसले लिए जा सकते हैं और पार्टी में संगठन से लेकर संसद तक कई बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
सोनिया गांधी बन सकती हैं स्थाई अध्यक्ष
ऐसा माना जा रहा है कि बीते करीब दो सालों से कांग्रेस पार्टी बिना पूर्ण अध्यक्ष के तौर पर कामकाज कर रही है। ऐसे में अब पार्टी को विधानसभा चुनावों और फिर लोक सभा चुनाव के मद्देनजर पूर्ण अध्यक्ष मिल सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संसदीय समूह की बैठक में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को स्थाई अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की जा सकती है।
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2019 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनी थी। दो साल से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी कांग्रेस को अभी तक पूर्ण अध्यक्ष नहीं मिल सका है। ऐसे में पार्टी के भीतर और विपक्षी दल की ओर से भी लगातार कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हो सकते हैं कमलनाथ
कांग्रेस पार्टी के अंदर अध्यक्ष पद को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। ऐसे में अब पार्टी को मजबूती देने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष (Congress Party Working President) बनाया जा सकता है।
कमलनाथ सोनिया गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं और कई बार पार्टी के लिए संकटमोचन का काम कर चुके हैं। ऐसे में पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनावों और फिर लोकसभा चुनाव के पहले मजबूती प्रदान करने के लिए कमलनाथ की जिम्मेदारी बढ़ाई जा सकती है।
संसद में पार्टी की कमान संभालेंगे राहुल गांधी?
कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इनकार कर चुके राहुल गांधी को अब संसद में पार्टी की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अभी तक अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Choudhary) लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में उनके द्वारा दिए गए कुछ बयानों ने पार्टी कि किरकिरी कराई है। ऐसे में अब उनकी छुट्टी तय है और राहुल गांधी को जिम्मेदारी मिल सकती है।
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हालांकि, अभी तक इसपर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है और ये राहुल गांधी पर निर्भर करेगा कि वे इस पद को स्वीकार करते हैं या नहीं? क्योंकि अब राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले युवा साथी सांसदों में से करीब सब अलग हो चुके हैं। ऐसे में राहुल गांधी पर दबाव काफी अधिक होगा।
प्रशांत किशोर ने सोनिया-राहुल-प्रियंका से की थी मुलाकात
आपको बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी। इस बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरिश रावत भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर को आगामी विधानसभा चुनावों और फिर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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सबसे अहम उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव है। चूंकि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की महासचिव बनाई गई हैं और राजनीतिक विश्लेषकों का ये मानना है कि यदि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करती है तो प्रियंका गांधी कांग्रेस की ओर से सीएम पद की दावेदार हो सकती हैं। साथ ही इसका फायदा 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिल सकता है।