6 दिन पहले भाजपा में शामिल होने वाले विधायक बलविंदर सिंह लड्डी (Balwinder SIngh Laddi) सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने खुद इसकी पुष्टि की है। उन्होंने इसपर स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरा जन्म ही एक नेता के तौर पर कांग्रेस से हुआ था। मैंने बड़ा गलत फैसला लिया था और इसे मैंने महसूस किया था। मुझे जो लग रहा था कि मुझे पार्टी में अनदेखा किया जा रहा है, पर पार्टी ने मुझे बुलाया और मेरी बात सुनी। सब सुनने और समझने के बाद मैंने पार्टी में वापसी करने का निर्णय लिया।”
जनता को नहीं पसंद भाजपा!
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कांग्रेस वापस से जॉइन कर ली है। कांग्रेस छोड़ने की कोई बड़ी वजह नहीं थी कुछ हालात ऐसे बन गए थे कि मैं खुद को ठगा महसूस कर रहा था। मेरी पार्टी से बात हुई और मसला सुलझ गया, और पार्टी ने कहा कि जमकर काम करो। अगर पार्टी कहेगी तो मैं अवश्य फिर से चुनाव लड़ूँगा।’
अचानक से भाजपा छोड़ने के निर्णय पर उन्होंने कहा, ‘भाजपा की केंद्र में सरकार है और वो काम करेगी पर फिलहाल इसकी पकड़ इतनी मजबूत नहीं है । लोगों को भाजपा अभी पसंद नहीं। मेरे निर्णय से कोई खुश नहीं था, न लोग और ही पार्टी के कार्यकर्ता। मैंने वापसी कर ली है। मैं भाजपा में गया पर मैंने महसूस किया कि जिसने मुझे विधायक बनाया और मुझे सम्मान दिया मैंने उन्हें छोड़ दिया। कर रहे।’
6 दिनों में वापसी पर उठते हैं सवाल!
इस तरह से बलविंदर की वापसी पर सवाल तो उठते ही हैं कि क्या वो भाजपा की चुनावी रणनीति को समझने के लिए पार्टी में शामिल हुए थे और अचानक से निर्णय बदल दिया? या कांग्रेस ने कोई बड़ा ऑफर दिया जिसको लेकर बलविंदर सिंह ने घर वापसी कर ली।
बता दें कि पंजाब चुनावों से पूर्व दल-बदल की राजनीति जोरों पर है। गुरमीत सोढ़ी, फतेह जंग बाजवा (कादियान) और बलविंदर 6 दिन पहले ही काँग्रेस ने शमिल हुए थे। ये तीनों कभी अमरिंदर सिंह के वफादार कहे जाते थे।
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले उठापटक- और दल-बदल की राजनीति जोरों पर है। 7 दिन पहले भाजपा में शामिल होने वाले विधायक बलविंदर सिंह लड्डी ने फिर घरवापसी की है और सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
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