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CBI विवाद: आलोक वर्मा के पक्ष में आई कांग्रेस, मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ SC में दायर की याचिका

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सीबीआइ चीफ आलोक वर्मा को गैरकानूनी तरीके से हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Nov 03, 2018 / 04:23 pm

Anil Kumar

CBI विवाद: आलोक वर्मा के पक्ष में आई कांग्रेस, SC में दायर की याचिका

नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआइ के अंदर मचे घमासान को लेकर सियासत भी गरमा गई है। जहां एक और मोदी सरकार इस मामले को सीबीआइ के दो बड़े अधिकारियों की आपसी लड़ाई बता रही है, वहीं कांग्रेस समेत समस्त विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बता रही है और आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार सीबीआइ की स्वायतता खत्म करना चाहती है। इसी संदर्भ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सीबीआइ चीफ आलोक वर्मा को गैरकानूनी तरीके से हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शनिवार को खड़गे ने कोर्ट में याचिका दायर की। बता दें कि सीबीआइ के अंदर मचे घमासान की खबर बाहर आने के 10 दिन बाद सरकार ने 24 अक्टूबर की आधी रात को कार्रवाई करते हुए सीबीआइ प्रमुख आलोक वर्मा और दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना के सभी अधिकार वापस लेते हुए छुट्टी पर भेज दिया था। साथ ही नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया था।

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सरकार ने गैरकानूनी तरीके से अधिकारियों को हटाया: खड़गे

आपको बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने गैरकानूनी तरीके से सीबीआइ प्रमुख को हटाया है। इस बाबत खड़गे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि तीन सदस्यों की कमिटी सीबीआइ चीफ की नियुक्ति करता है, जिसमें प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और संसद में विपक्ष के नेता शामिल होते हैं। इस कमिटी के आदेश पर ही सीबीआइ चीफ को हटाया जा सकता है, उनका तबादला किया जा सकता है या उनके अधिकारों को कम किया जा सकता है। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया और अपनी मर्जी से ही सीबीआइ चीफ को हटा दिया। उन्होंने कहा कि यह एक जनहित की बात है कि सीबीआइ जैसी देश की सर्वोच्च संस्थाओं की स्वायत्तता की रक्षा करना हमारा दायित्व है।

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SC ने CVC को दो हफ्ते में जांच पूरी करने के दिए हैं निर्देश

आपको बता दें कि आलोक वर्मा ने छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वर्तमान अंतरिम सीबीआइ प्रमुख नागेश्वर राव को कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे, साथ ही सीवीसी को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक की निगरानी में दो हफ्ते में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

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