एएन दवे की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने राहुल को 25 अक्टूबर को दो गवाहों के बयान के बाद कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी 24 जून को कोर्ट में पेश हुए थे।
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यह मामला 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव रैली में राहुल की कथित टिप्पणी से संबंधित है। रैली के दौरान, राहुल ने कथित तौर पर कहा था, ‘सभी चोरों के नाम पर मोदी क्यों हैं, चाहे वह नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी हों?’
यह मामला 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव रैली में राहुल की कथित टिप्पणी से संबंधित है। रैली के दौरान, राहुल ने कथित तौर पर कहा था, ‘सभी चोरों के नाम पर मोदी क्यों हैं, चाहे वह नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी हों?’
राहुल गांधी के इस बयान के बाद ना सिर्फ सियासी घमासान शुरू हुआ बल्कि गुजरात मोढवणिक समाज के अध्यक्ष पूर्णेश मोदी की शिकायत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी पर सूरत में आइपीसी की धारा 499 व 500 के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया।
दरअसल पूर्णेश मोदी गुजरात की सरकार में पर्यटन और परिवहन मंत्री हैं। इस मामले में राहुल सूरत की कोर्ट में दो बार पेश हो चुके हैं। दो नए गवाहों की गवाही के बाद कोर्ट ने राहुल को फिर हाजिर होने का मौखिक निर्देश दिया है।
गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव है, यही वजह है कि गुजरात कांग्रेस राहुल के इस दौरे को उत्सव और राजनीतिक रैली के रूप में तब्दील करने की जोर शोर से तैयारी कर रही है।
यह भी पढ़ेः पटाखों पर रोक किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जान की कीमत पर जश्न कैसे मनाने दें बता दें कि सूरत शहर कांग्रेस समिति की गुरुवार को एक बैठक हुई, इस बैठक में राहुल की सूरत यात्रा की तैयारियों पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि सूरत पहुंचने पर राहुल गांधी का जोरदार स्वागत होगा। ताकि ये मानहानि केस ना होकर राहुल गांधी का राजनीतिक दौरा लगे।
दरअसल गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विपक्ष के लिए राज्य में नेताओं की तलाश चल रही है और प्रदेश कांग्रेस के आला नेताओं के साथ राहुल नई दिल्ली में कई दौर की बैठकें भी कर चुके हैं।