कांग्रेस नेता ने शनिवार को ट्वीट कर असम के लोगों को बड़ी तसल्ली दी। उन्होंने लिखा कि, “पूरा देश असम के साथ है। असम के लोग इस समस्या का सामना धैर्य और उनके आत्मनिर्णय स्वभाव के साथ कर रहे हैं और वे इस आपदा से जरूर उबरेंगे।
कोरोना संकट के बीच कटक के आलोक मोहंती ने बवनाया सोने का मास्क, जानें इसकी कीमत कोरोना संकट के बीच दिल्ली-मुंबई में सुधर रहे हालात, लेकिन देश के दूसरे बड़े शहरों से सामने आए कोरोना के नए हॉट-स्पॉट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक तरफ कोरोना हालातों को नियोजित ढंग से सुलझाने के लिए मोदी सरकार को घेर रहें हैं तो दूसरी तरफ वे मानसून में बाढ़ का कहर झेल रहे लोगों को ढांढस भी बंधा रहे हैं। राहुल ने शनिवार को अपने ट्वीट के जरिए असम के लोगों की हिम्मत बढ़ाई।
उन्होंने ट्वीट में लिखा कि -पूरा देश असम के साथ है। असम के लोग अपने हिम्मती स्वभाव से इस मुसीबत का डटकर सामना कर रहे हैं और इस आपदा से उबर आयेंगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील है कि हर संभव मदद का हाथ बढ़ायें।
अब तक 76 की मौत
आपको बता दें कि असम में शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही। वहीं पांच और मौतों की सूचना सामने आई, जिससे मानसून के कहर में मरने वाले लोगों की संख्या 76 हो गई।
आपको बता दें कि असम में शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही। वहीं पांच और मौतों की सूचना सामने आई, जिससे मानसून के कहर में मरने वाले लोगों की संख्या 76 हो गई।
बाढ़ से 36 लाख लोग प्रभावित
असम में लगातार बारिश और बाढ़ के चलते जबरदस्त असर पड़ा है। यहां बाढ़ से अब तक 33 जिलों में से 28 जिलों में सीधा असर देखने को मिल रहा है। बाढ़ के चलते करीब 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
असम में लगातार बारिश और बाढ़ के चलते जबरदस्त असर पड़ा है। यहां बाढ़ से अब तक 33 जिलों में से 28 जिलों में सीधा असर देखने को मिल रहा है। बाढ़ के चलते करीब 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( ASDMA ) के अधिकारियों के मुताबिक, 36 लाख बाढ़ प्रभावित लोगों में से करीब 22 लाख लोग चार जिलों के हैं, जिसमें धुबरी में 8 लाख 92 हजार 109 लोग, गोलपारा में 4 लाख 43 हजार 768, बारपेटा में 4 लाख 29 हजार 708 और मोरीगांव में 4 लाख 24 हजार 541 लोग शामिल हैं।
वहीं बाढ़ से करीब 86 जानवर अब तक मारे गए हैं, जबकि विश्व के प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के 95 प्रतिशत हिस्से के बाढ़ में डूबने के बाद 125 जानवरों को बचाया गया है। यह उद्यान 2,200 से ज्यादा एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर के लिए भी जाना जाता था।