scriptकांग्रेस आलाकमान ने ‘G-23’ को किया साइडलाइन, इन्हें मिली मोदी सरकार को घेरने जिम्मेदारी | Congress high command sideline 'G-23', they got responsibility to surround Modi government | Patrika News
राजनीति

कांग्रेस आलाकमान ने ‘G-23’ को किया साइडलाइन, इन्हें मिली मोदी सरकार को घेरने जिम्मेदारी

Congress high command का साफ संदेश, असंतुष्टों के लिए पार्टी में नहीं है जगह।
नई समिति में करीबियों को जगह देकर Gandhi Family ने भरोसेमंदों को दिया अच्छे दिन आने का संदेश।
कांग्रेस के महासचिव KC Venugopal ने कहा कि समिति ऐसे किसी नेता का नाम नहीं है जो ‘जी-23’में शामिल हैं।

Aug 27, 2020 / 03:49 pm

Dhirendra

sonia-Rahul

Congress high command का साफ संदेश, असंतुष्टों के लिए पार्टी में नहीं है जगह।

नई दिल्ली। मॉनसून सत्र ( Monsoon session ) में मोदी सरकार ( Modi Government ) को लोकसभा और राज्यसभा में घेरने के लिए कांग्रेस ने जिन पांच सदस्यों की समिति बनाई है उनमें ‘जी-23’ नेताओं का पत्ता साफ कर दिया गया है। इससे एक बात साफ हो गया है कि कांग्रेस आलाकमान ( Congress high command ) असंतुष्ट गुट ( Dissident group ) के नेताओं से न तो समझौते के लिए न ही पार्टी में स्पेस देने के लिए तैयार है।
यही वजह है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने के लिए बुधवार को गठित 5 सदस्यीय समिति में ‘जी-23’ के एक भी नेता का नाम नहीं है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) द्वारा गठित इस समिति के संयोजक जयराम रमेश होंगे। इसमें ऐसे किसी भी नेता का नाम नहीं है जो बीते दिनों चिट्ठी लिखने के कारण चर्चा में आए थे।
नई कमेटी शामिल हुए ये नेता

इस कमेटी में जयराम रमेश, पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, डॉ. अमर सिंह और गौरव गोगाई का नाम शामिल है। वेणुगोपाल ने कहा कि यह समिति केंद्र की ओर से जारी प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा और पार्टी का रुख तय करने का काम करेगी। पी चिदंबरम को कपिल सिब्बल, जयराम रमेश को आनंद शर्मा, दिग्विजय सिंह को गुलाम नबी आजाद, अमर सिंह को मनीष तिवारी और गौरव गोगोई को शशि थरूर और जितिन प्रसाद का विकल्प माना जा रहा है।
अब तक के टूटे सभी रिकॉर्ड : कोरोना मरीज 33 लाख के पार, 24 घंटे में सामने आए 75760 नए केस

भरोसेमंदों को मिली जिम्मेदारी

पी चिदंबरम उन नेताओं में से एक हैं जिनसे सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने जेल में मुलाकात की थी। उनका सोनिया गांधी की मदद के लिए संभावित उपाध्यक्ष या समिति के सदस्यों में से एक बनने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। जहां चिदंबरम आर्थिक मामलों के जानकार हैं तो वहीं उनके पास कानूनी जानकारियां भी हैं।
दिग्विजय सिंह की बात करें तो मध्य प्रदेश संकट के बाद कई लोगों का मानना था कि उनका करियर राजनीतिक रूप से खत्म हो गया क्योंकि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से जाने के लिए जिम्मेदार माना जाता था। जयराम रमेश की वापसी को आनंद शर्मा के लिए झटका माना जा रहा है। इसके साथ ही यह संदेश भी गया है कि सोनिया गांधी अब भी रमेश पर यकीन करती हैं।
डॉ. अमर सिंह ने शून्यकाल के दौरान लोकसभा में अध्यादेशों का मुद्दा उठाया था। असम कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई को राहुल के करीबी माना जाता है। गोगोई हिंदी और अंग्रेजी दोनों में कुशल हैं।
चीन-पाक की अब खैर नहीं, इजरायल भारत को देने वाला है ये हथियार

असंतुष्टों को सख्त संदेश

कांग्रेस कार्यसमिति ने सोमवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हाथ हरसंभव तरीके से मजबूत करने का निर्विरोध प्रस्ताव पारित किया था। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया था कि किसी को भी पार्टी और उसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
‘जी-23’ में शामिल नेता

गांधी परिवार के खिलाफ चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, अजय सिंह, सांसद विवेक तन्खा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भट्ठल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित शामिल हैं।

Hindi News / Political / कांग्रेस आलाकमान ने ‘G-23’ को किया साइडलाइन, इन्हें मिली मोदी सरकार को घेरने जिम्मेदारी

ट्रेंडिंग वीडियो