2019-20 के लिए कांग्रेस को चंदे की रिपोर्ट को चुनाव आयोग ( Election Commission ) ने सार्वजनिक कर दिया है। खास बात यह है कि चंदे की कुल राशि में से पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और जाने-माने वकील कपिल सिब्बल ने सबसे ज्यादा राशि का दान दिया है।
हो जाएं सावधान! मौसम विभाग ने देश के इन राज्यों में जारी किया बारिश के साथ सर्दी में इजाफे का अलर्ट वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पार्टी फंड में तीन करोड़ रुपए का योगदान देकर कांग्रेस सदस्यों में सबसे बड़ा व्यक्तिगत दानकर्ता बन गए हैं।
वहीं चुनाव आयोग की ओर से सार्वजनिक की गई रिपोर्ट के मुताबिक, आइटीसी और इससे जुड़ी कंपनियों ने कांग्रेस को 19 करोड़ रुपए से अधिक चंदा दिया था, जबकि प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 31 करोड़ रुपए का योगदान दिया।
इतनी राशि से अधिक चंदे पर देना होती है रिपोर्ट
चुनाव कानून के प्रविधानों के मुताबिक, राजनीतिक दलों को व्यक्तियों, कंपनियों, चुनावी ट्रस्टों और संगठनों की ओर से किए गए 20,000 रुपए से अधिक के योगदान की रिपोर्ट देनी होती है।
चुनाव कानून के प्रविधानों के मुताबिक, राजनीतिक दलों को व्यक्तियों, कंपनियों, चुनावी ट्रस्टों और संगठनों की ओर से किए गए 20,000 रुपए से अधिक के योगदान की रिपोर्ट देनी होती है।
राहुल ने किया 54 हजार का दान
एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जहां 1,08,000 रुपयए का दान दिया, वहीं पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने 54,000 रुपए और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 50,000 रुपए का दान दिया।
एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जहां 1,08,000 रुपयए का दान दिया, वहीं पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने 54,000 रुपए और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 50,000 रुपए का दान दिया।
आनंद शर्मा ने 54 हजार, शशि थरूर ने 54 हजार, गुलाम नबी आजाद ने 54 हजार, मिलिंद देवड़ा ने 1 लाख और राजबब्बर ने 1 लाख 8 हजार रुपए का चंदा दिया है। खास बात यह है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2019-20 के वित्तीय वर्ष में पार्टी को 54 हजार रुपए का दान दिया।
वहीं कांग्रेस में बड़े पैमाने पर संगठनात्मक सुधार की मांग करने वाले कपिल सिब्बल पार्टी के सबसे बड़े व्यक्तिगत दान दाता हैं। कांग्रेस पार्टी में दान देने वाली सूची पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने पिछले साल दिसंबर में ईसी में प्रस्तुत की थी। आपको बता दें कि अपनी रिपोर्ट में बहुजन समाजवादी पार्टी ने कहा था कि उनकी पार्टी को 20 हजार से ज्यादा किसी ने चंदा ही नहीं दिया। ऐसे में उन्होंने चुनाव आयोग को रिपोर्ट ही नहीं सौंपी।
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वैसे बता दें कि राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाला चंदा हमेशा सवालों के घेरे में रहा है। आमतौर पर उसी पार्टी को ज्यादा चंदा मिलता है, जो सत्ता में होती है।
वैसे बता दें कि राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाला चंदा हमेशा सवालों के घेरे में रहा है। आमतौर पर उसी पार्टी को ज्यादा चंदा मिलता है, जो सत्ता में होती है।
सरकारी संगठन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में बीजेपी ने 1,612.04 करोड़ रुपए अज्ञात स्रोत से मिलने की घोषणा की थी।