क्या गांधी जी चाहते थे कांग्रेस मुक्त हो भारत? भाजपा नेता अकसर कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते रहते हैं। इस संबंध में फरवरी के महीने में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह महात्मा गांधी के कांग्रेस मुक्त भारत के सपने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। तो क्या गांधी जी सचमुच चाहते थे कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाए? इस संबंध में राजनीति विज्ञानी लॉयड और सूज़न रुडोल्फ़ का कहना है कि अपनी हत्या के सिर्फ 24 घंटे पहले ही गांधीजी ने अपने वसीयतनामे में इस बात का प्रस्ताव किया था कि कांग्रेस को भंग करके उसकी जगह लोकसेवक संघ की स्थापना की जानी चाहिए। यह संघ आम जनता की बेहतरी के लिए काम करेगा। हालांकि ‘उनकी अंतिम इच्छा और वसीयतनामा’ शीर्षक से हरिजन में गांधी जी का एक वक्तव्य प्रकाशित हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सबसे पुराना राष्ट्रीय राजनीतिक संगठन है, इसने अहिंसक संघर्ष के जरिए आज़ादी की लड़ाई जीती है। इसे ख़त्म करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. यह सिर्फ़ राष्ट्र के साथ ही ख़त्म होगा।
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी की धार्मिक निष्ठा पर सवाल उठाने वाले पर क्यों आग-बबूला हुई थीं प्रियंका? संघ प्रमुख ने कहा कांग्रेस मुक्त भारत लक्ष्य नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पुणे में दिए अपने एक भाषण में कहा था कि कांग्रेस मुक्त भारत जैसे नारे राजनीतिक मुहावरे हैं और ये संघ की भाषा का हिस्सा नहीं हैं। संघ प्रमुख ने कहा था कि संघ राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अपने विरोधियों को भी शामिल करना चाहता है।