कांग्रेस नेता की टिप्पणी उन खबरों को लेकर है, जिनमें बताया गया है कि गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय और चीनी सैनिक दो किलोमीटर तक पीछे हट गए हैं। यह वही स्थान है, जहां पिछले महीने एक हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे, मगर चीन ने अभी तक अपने सैनिकों के हताहत होने की बात पर चुप्पी साध रखी है।
कांग्रेस ने जून में आयोजित सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर सवाल उठाया, जहां पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि किसी ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है। कांग्रेस ने इसे लेकर मांग की कि मोदी को उस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। रिपोटरें में कहा गया है कि दोनों पक्षों के कॉर्प्स कमांडरों की बैठक में सहमति बनने के बाद भारतीय और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने एलएसी के पास से हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि दोनों तरफ से सैनिकों के पीछे हटने के साथ चार किलोमीटर नो-मैन जोन (जहां कोई भी नहीं जा सकेगा) बनाया गया है। सूत्रों ने कहा कि गलवान घाटी जैसे अत्यधिक पहाड़ी इलाके में चार किलोमीटर तक के नो-मैन जोन बनने से दोनों पक्ष एक-दूसरे द्वारा की जाने वाली स्थापना और सु²ढ़ीकरण को देखने से वंचित रहेंगे।