जबकि इसी दौरान कोरोना के सबसे ज्यादा केस बढ़े। यह सरकार लोगों से झूठ भी बोलती है और माफी भी नहीं मांगती। सिंघवी ने वीडियोकांफ्रेंसिंग से पत्रकार वार्ता में यह आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार संवेदनहीन हो गई है। सरकार ने बिना सोचे समझे लॉकडाउन ( Lockdown ) किया गया है। सरकार के पास कोई प्लान नहीं रहा।
3 मई को 28 हजार केस थे, जो 18 मई को बढक़र एक लाख हो गए। इसके साथ ही मृत्यु होने वाली संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इस समय टेस्टिंग बहुत ज्यादा बढ़ाई जानी चाहिए थी, अपेक्षा के अनुसार नहीं बढ़ सकी है।
फिलहाल एक हजार की आबादी पर डेढ़ फीसदी की दर से टेस्ट हो रही है। जबकि अन्य देश हमसे कहीं आगे हैं। सिंघवी ने कहा कि सरकार के पास लॉकडाउन खोलने को लेकर कोई योजना नहीं है। बेरोजगारी दर 27 फीसदी तक पहुंच गई।
इतना ही नहीं सिंघवी ने यूपी की योगी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा मई के अंत की चिलचिलाती गर्मी के बीच और पैर में छाले लेकर श्रमिक चल रहे हैं, लेकिन बसों को रोका जा रहा है और सस्ती राजनीति की जा रही है।
उन्होंने कहा, प्रियंका गांधी ने खुद कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चाहें तो बसों पर भाजपा के अपने बैनर-झंडे लगा लें, लेकिन बसों को जाने की अनुमति दें। अभी समय है। अगर अजय सिंह बिष्ट जी को जनादेश और जनता की चिंता है तो तुरंत बसों को चलाने की अनुमति दीजिए।