शिकायत दर्ज दरअसल, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब ‘Sunrize Over Ayodhya: Nationhood in Our Times’ में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम से की है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने इस विवाद के बीच कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के खिलाफ पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई है।
इससे पहले विवेक गर्ग नाम के दिल्ली के वकील ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी और केस दर्ज करने के लिए अनुरोध किया है। पुलिस कमिश्नर के पास अपनी शिकायत में सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल और विवेक गर्ग ने खुर्शीद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश के लिए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। वहीं, इस किताब को लेकर खुर्शीद की चारों तरफ आलोचना होने लगी तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा, “हिन्दू धर्म बहुत उच्च स्तर का धर्म है। इसके लिए गांधी जी ने जो प्रेरणा दी उससे से बढ़कर कोई प्रेरणा नहीं हो सकती है। कोई नया लेबल लगा ले तो उसे मैं क्यों मानूं? कोई हिन्दू धर्म का अपमान करे तो भी मैं बोलूंगा। मैंने ये कहा कि हिंदुत्व की राजनीति करने वाले गलत हैं और आईएसआईएस भी गलत है।”
क्या है विवाद की जड़? अपनी किताब में खुर्शीद ने लिखा है, “हिंदुत्व का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए होता है, चुनाव प्रचार के दौरान इसका ज्यादा उल्लेख किया जाता है। हिंदू धर्म को किनारे लगाता यह हिंदुत्व का राजनीतिक रूप आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी संगठन जैसा ही है।” किताब के 113 नंबर पेज यह बातें लिखी गई हैं जिसको लेकर सबसे अधिक विवाद देखने को मिल रहा है।
वहीं, अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में लिखा है, “अयोध्या विवाद को लेकर समाज में बंटवारे की स्थिति थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसका समाधान निकाला। कोर्ट के फैसले ने काफी दूर तक देखने की कोशिश की है। ऐसा फैसला है जिससे ये ना लगे कि हम हारे, तुम जीते।” इसके अलावा उन्होंने अपनी किताब में कांग्रेस के उन नेताओं की भी आलोचना की है जो हिंदुत्व से प्रभावित नजर आते हैं।
भाजपा को हमला करने का मिला मौका इस किताब के सामने आते ही भाजपा को भी यूपी चुनावों से पहले सनातन धर्म के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का अवसर मिल गया। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, “कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने अपनी नई किताब में लिखा है कि हिंदुत्व आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी समूहों के समान है। हम उस व्यक्ति से और क्या उम्मीद कर सकते हैं जिसकी पार्टी ने सिर्फ इस्लामिक जिहाद के साथ समानता लाने के लिए और मुस्लिम वोट पाने के लिए भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ा।”
मध्य प्रदेश के भोपाल से विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी खुर्शीद पर हमला बोला, परंतु तीखे शब्दों के कारण ये भी विवादों में आ गये हैं। रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट कर लिखा, “सलमान खुर्शीद, तुम्हारे अल्लाह तुम्हें लंबी उम्र सिर्फ इसलिए दें कि तुम अयोध्या की तरह काशी और मथुरा पर भी किताब लिख सको और हाँ हिंदुस्तान में हिंदुत्व है इसलिए ISIS नहीं है, और हिंदुत्व ISIS की तरह होता तो तुम इतना बोलकर जिंदा नहीं रहते।”
इसके अलावा सोशल मीडिया पर आम जनता ने भी कांग्रेस पार्टी और सलमान खुर्शीद दोनों को आड़े हाथों लिया, साथ ही जनता ने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पर सवाल उठाये हैं जो पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।
बता दें कि किताब के लॉन्चिंग के दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे। दिग्विजय सिंह ने इस दौरान कहा था, “आज कहा जाता है कि हिंदू धर्म खतरे में हैं। 500 साल के मुगल और मुसलमानों के शासन में हिंदू धर्म का कुछ नहीं बिगड़ा। ईसाइयों के 150 साल के राज में कुछ नहीं बिगड़ा, तो अब हिंदू धर्म को खतरा किस बात का है।” उन्होंने आगे कहा था, “खतरा केवल उस मानसिकता और कुंठित सोची समझी विचारधारा को है, जो देश में ब्रिटिश हुकूमत की ‘फूट डालो और राज करो’ की विचारधारा थी, उसको प्रतिवादित कर अपने आप को कुर्सी पर बैठाने का जो संकल्प है, खतरा केवल उन्हें है। समाज और हिंदू धर्म को खतरा नहीं है।” हालांकि, दिग्विजय सिंह को भी सोशल मीडिया पर इस बयान के लिए लोगों ने घेरना शुरू कर दिया।
ऐसे समय में जब यूपी विधानसभा चुनाव पास हैं और उत्तर प्रदेश से तीन दशक से सत्ता से दूर कांग्रेस अच्छे दिन के लिए बेताब है, ये विवाद किये कराये पर पानी फेर सकता है। गौरतलब है कि वर्तमान में यूपी के चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टा जीत के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है, प्रियंका गांधी सियासी गुगली फेंकने में एक मौका नहीं गंवा रहीं हैं, परंतु ये विवाद प्रदेश के हिंदुओं को नाराज कर सकता है। अयोध्या के मुद्दे पर कांग्रेस का रूख स्पष्ट सामने नहीं आया है, परंतु इस किताब में अयोध्या के उल्लेख और उसपर विवाद को हल्के में लेने की भूल कांग्रेस नहीं करना चाहेगी। हालांकि, इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि यदि इस मुद्दे को लेकर और विवाद बढ़ा तो ये आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी के लिए सेल्फ गोल साबित हो सकता है।