आपको बता दें कि कंगना रनौत के मुंबई स्थित घर में बने अवैध निर्माण को लेकर महाराष्ट्र की बीएमसी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ये अवैध निर्माण गिरा दिया था। इसके बाद कई लोगों समेत राजनेता भी कंगना के समर्थन में आ गए थे। इन्हीं में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
कंगना रनौत को मिला इस दिग्गज तमिल अभिनेता का साथ, जानें किस क्रांतिकारी से कर डाली तुलना सीएम जयराम ठाकुर ने कंगना के दफ्तर को तोड़े जाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार की जमकर आलोचना की थी।
कंगना रनौत के मुंबई स्थित घर में बने अवैध दफ्तर के हिस्से को बीएमसी की ओर से तोड़े जाने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस विवाद में हिमालच प्रदेश के शिमला में स्थित प्रियंका गांधी वाड्रा के घर को तोड़े जाने की मांग भी उठने लगी हैं। हालांकि इस मांग के बीच हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में प्रियंका गांधी के आवास पर कार्रवाई करने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि प्रियंका के आवास को तोड़ने जैसी कोई बात नहीं है। सीएम ने कहा कि कंगना हिमाचल की बेटी है और उनके मुंबई कार्यालय को तोड़ा गया, तो स्वभाविक रूप से इसका रिएक्शन तो हिमाचल में होना ही था।
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी तोड़ने की जो मांग हो रही है उससे मैं सहमत नहीं हूं। प्रियंका गांधी हिमाचल प्रदेश में घर बनाकर रह सकती हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी सरकार लेगी।
बेयर ग्रिल्स के साथ खतरों के खिलाड़ी अक्षय कुमार ने खोले अपने जिंदगी के कई अहम राज, जानें क्यों हो रही है चर्चा आपको बता दें कि जयराम ठाकुर ने कंगना घर को लेकर कई गई कार्रवाई के लिए महाराष्ट्र सरकार की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने हिमाचल की बेटी के साथ ठीक नहीं किया है। इसको लेकर देशभर में गुस्सा है।
इसके साथ ही सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की कंगना को बहुत सारे मामलों में उलझाने की योजना है। यह निंदनीय कार्य है, हम इसकी निंदा करते हैं। भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रश्मिधर सूद के बयान पर मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि उनका बयान भावावेश में दिया गया हो सकता है। यह बयान गलत है। रश्मिधर सूद ने कहा था कि वह शिमला में प्रियंका गांधी का आवास तोड़ने की योजना बनाएंगे।
आपको बता दें कि गुरुवार को बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत के समर्थन में प्रदेशभर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। शिमला में राज्यपाल को ज्ञापन भेजा सौंपा गया।