उन्होंने कहा कि हाईकमान को ये समझना चाहिए कि पंजाब में अभी हालात इतने अनुकूल नहीं है और इसका नुकसान पार्टी और सरकार दोनों को उठाना पड़ सकता है। कैप्टन अमरिंदर का यह पत्र ऐसे समय में आया है जब नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार को ही सुबह सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं।
कांग्रेस ने की मोदी सरकार को घेरने की तैयारी, मानसून सत्र के लिए रखा फाइव प्वाइंट एजेंडा
इस मुलाकात के बाद सिद्धू काफी खुश नजर आए और फिर शाम होते-होते पटियाला स्थित उनके आवास पर लोगों व समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। लोग सिद्धू और उनकी पत्नी नवजौत कौर को गुलदस्ते भेंट करने लेगे। ऐसे में ये समझा जाने लगा कि नाराज सिद्धू को पार्टी ने खुश करने के लिए पंजाब कांग्रेस की कमान सौंप दी है, जिसकी कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि इसको लेकर कोई बात सामने नहीं आई कि सिद्धू और सोनिया के बीच क्या बातचीत हुई। ऐसे में अब पंजाब में कांग्रेस के भीतर सिद्धू और अमरिंदर की लड़ाई एक नया मोड़ ले सकता है।
सिद्धू-कैप्टन में जंग
आपको बता दें कि पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए सिद्धू को उम्मीद थी कि पंजाब में उन्हें एक बड़े चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद भी सिद्धू को कोई खास तव्वजो नहीं मिली और मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा।
पंजाबः पावर कट पर कैप्टन को घेरने वाले सिद्धू ने खुद 9 महीने से नहीं भरा बिजली का बिल, लाखों की रकम है बकाया
इसके बाद लगातार सीएम अमरिंदर के साथ उनका टकराव बढ़ता ही गया। सिद्धू कई बार अपनी ही सरकार की आलोचना कर चुके हैं। अभी हाल ही में बिजली की समस्या को लेकर सिद्धू ने अमरिंदर सरकार की आलोचना की थी। इसके अलावा बीते दिनों ही एक ट्वीट कर आम आदमी पार्टी की तारीफ भी कर चुके हैं। ऐसे में दोनों के बीच रिश्तों में और भी दूरियां बढ़ गई।
अब मामला दिल्ली दरबार में पहुंच चुका है और सीएम अमरिंदर सोनिया गांधी, राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। वहीं, आज (शुक्रवार, 16 जुलाई) सिद्धू भी सोनिया गांधी से मिले। इसके बाद सीएम अमरिंदर ने पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी हाईकमान किसके लिए संजीवनी बनती है और किसके लिए रोड़ा अटकाती है, या फिर सुलह का रास्ता कैसे निकलता है?