मंदिर के पुजारी का कहना है कि माता के प्रतिमा पर जल चढ़ाते ही जल गायब होता जा रहा है ऐसा लग रहा है कि देवी मां स्वयं जल पी रही हो। पुजारी ने बताया कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि देवी को जल चढ़ाते ही जल गायब होता जा रहा है, यही नहीं पुजारी का कहना है कि मंदिर परिसर में सिंदूर लगे पैरों के भी निशान मिले हैं। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है।
देवी के पैरों के निशान देखने लगी भीड़
देवी मंदिर के पुजारी ने बताया, गुरुवार की सुबह जब श्रद्धालु 64 मैया पर जल चढ़ाने पहुंचा तो जल गायब हो गया। जिसके बाद भक्त ने करीब 30 लीटर जल मैया के चरणों में डाला, लेकिन पूरा जल गायब होता गया। जिसकी सूचना श्रद्धालु ने अन्य लोगों को दी, जिसके बाद केला घाट मंदिर में अद्भुत चमत्कार देखने के लिए श्रद्धालु का हुजूम इकट्ठा हो गया।
इस दौरान महिलाओं ने सिंदूर लगे पैरों के निशान के चारों तरफ ईंट का घेरा बना कर, फूल रख दिए हैं। मंदिर के पुजारी ने जब मंदिर परिसर के अन्य स्थानों को देखा तो एक जगह मंदिर परिसर में सिंदूर लगे पैरों के निशान भी मिले। मंदिर पुजारी का कहना है कि यह देवी का ही स्वरूप है। देवी के पैरों के निशान देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु की भीड़ लग गयी।
तकरीबन 30 लीटर जल हुआ गायब
पुजारी का कहना है कि धानुक समाज के इस देवी मंदिर में हर दिन की तरह भक्त मंदिर में पूजा करने आया था। इस दौरान भक्त देवी के पैरों पर जल चढ़ाने लगा तो देखा की जल गायब होता जा रहा है इस चमत्कार को देखकर भक्त हैरान रह गए और देखते ही देखते करीब 30 लीटर जल गायब हो गया।
भक्तों का उमड़ा सैलाब
चमत्कार की खबर लगते ही मंदिर में परिसर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया। आसपास के रहवासी भी यह चमत्कार देखने के छोटा तालाब स्थित काली मंदिर से कुछ ही दूरी पर केला घाट मंदिर पहुंचे। केरा घाट मंदिर में धानुक समाज द्वारा देखे गये इस अद्भुत चमत्कार को देखकर सब हैरान है, उनका कहना है कि जब सुबह माता की प्रतिमा पर जल डाला गया तब इसका पता चला, स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में देवी का वास है, इसलिए ऐसा हुआ। भक्त यहां अपनी मुरादें पूरी करने के लिए दूर-दूर इस मंदिर में आते है। यह एक वायरल हो रही खबर है, पत्रिका डॉट कॉम इस खबर की पुष्टि नहीं करता।