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दुर्ग संभाग में 2018 के चुनाव में भाजपा के सारे गणित फेल हो गए थे। इसकी कुल 20 विधानसभा सीट में से 17 सीट कांग्रेस के खाते में आईं थी। भाजपा वैशालीनगर और राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी। (chhattisgarh news) खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की सीट जोगी कांग्रेस के खाते में गई थी। हालांकि यहां के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करने में सफल रही थी। यही वजह है कि इस बार शाह ने अपनी सभा के लिए दुर्ग को चुना था। डॉ. रमन की तारीफ शाह ने अपनी सभा के डॉ. रमन सिंह की तारीफ कर कई संदेश दिए हैं। उन्होंने रमन सिंह के लिए एक बार फिर चाउर वाले बाबा शब्द का उपयोग किया है। (cg hindi news) इससे रमन खेमे से जुड़े लोगों में एक बार फिर उत्साह आया है।
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इन नेताओं का गढ़ दुर्ग संभाग कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के दिग्गज नेताओं का गृह क्षेत्र है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। 9cg news in hindi) इनके अलावा गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू दुर्ग ग्रामीण, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे साजा, वन मंत्री मोहम्मद अकबर कवर्धा, पीएचई मंत्री गुरु रुद्रकुमार अहिवारा और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर मंत्री बनी है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कवर्धा से आते हैं, लेकिन वे राजनांदगांव के विधायक हैं। यह भी पढ़ें
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गुटबाजी दूर करने का संदेश दुर्ग संभाग भाजपा की सियासत का बड़ा केंद्र बिंदु है। कारण यह शुरू से गुटबाजी हावी रही है। खास कर भाजपा के संगठन जिले भिलाई व दुर्ग में। यहां संगठन विस्तार का काम भी चुनौतीपूर्ण रहता है। यही वजह है कि संगठन ने भी यहां शाह को आगे कर गुटबाजी दूर होने का संदेश देने का प्रयास किया है। शाह के दौरे के पहले इसकी झलक भी दिखाई थी। बड़े नेताओं में सिर्फ एक-दो चेहरे ही बैनर पोस्टर में नजर आए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायपुर से बालाघाट रवाना होने के बाद फिर अचानक रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे। इसकी खबर मिलते ही प्रदेश के नेता हड़बड़ाते हुए तत्काल वापस एयरपोर्ट पहुंचे। यहां वे करीब एक घंटे तक रूके। साथ ही प्रदेश के नेताओं के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री शाह बालाघाट के लिए रवाना हो गए थे। आधे रास्ते में जाने के बाद मौसम खराब होने पर वापस रायपुर पहुंचे और यहां से दिल्ली रवाना हो गए। बताया जाता है कि जब शाह वापस आए तो नरेश गुप्ता, प्रितेश गांधी ही एयरपोर्ट पर मौजूद थे। इसके बाद तमाम वरिष्ठ नेता पहुंचे। वहीं दोपहर में जब शाह रायपुर पहुंचे थे, तो मुख्य सचिव व वरिष्ठ अधिकारियों सहित वरिष्ठ नेता उनके स्वागत के लिए पहुंचे थे। शाह के स्वागत में राज्य के किसी भी मंत्री के नहीं आने पर भाजपा ने आपत्ति जताई है।