ऐसे में यह बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या आप छत्तीसगढ़ में दूसरे राजनीतिक दलों के लिए कोई खतरा बन सकती है। क्या पार्टी का कोई उम्मीदवार विधानसभा पहुंचेगा या नहीं। हालांकि कांग्रेस-भाजपा जैसे दोनों बड़े राजनीतिक दल प्रदेश में पार्टी के वजूद को नकारते रहे हैं, लेकिन राजनीतिक पंडि़तों का मानना है कि वोट के प्रतिशत में पार्टी की बड़ी दखल हो सकती है। इसका असर कांटे की टक्कर वाली सीटों पर पड़ सकता है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 2018 में प्रदेश की 84 विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ा था। उपस्थिति उतनी दमदार नहीं थी, फिर भी पार्टी को 0.92 फीसदी वोट मिले थे।
यह भी पढ़ें
CG VYAPAM: व्यापमं प्रवेश परीक्षाएं बनी मजाक, सामने आ रही अभ्यर्थियों की मनमानी, बढ़ रहा बोझ
दिल्ली की टीम ने संभाला मोर्चा CG Politics : पार्टी की चुनावी रणनीति बनाने के लिए दिल्ली की टीम ने मोर्चा संभाला हुआ है। इसके अलावा राज्यसभा सांसद संदीप पाठक की टीम भी अलग से तैनात है, जो कि संगठन की हर गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। पार्टी ने यहां चार सह प्रभारी को भी तैनात किया है। इसमें दो पंजाब और दो गुजरात के विधायक है। तीसरे दल की नहीं रही प्रभावशाली उपस्थिति CG Assembly Elections 2023 : छत्तीसगढ़ में समय-समय पर तीसरे राजनीतिक दल सक्रिय रहे हैं, लेकिन वे अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज नहीं करा सकते हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी की पार्टी की मौजूदगी ने कई समीकरण बदले थे। उस समय उनके सात उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए थे। जबकि इससे पहले 2003 में राज्य निर्माण के बाद हुए पहले विधानसभा (cg bjp news) चुनाव में दिवंगत विद्याचरण शुक्ल ने राकांपा का दामन थाम कर चुनाव लड़ा था। इसका असर दूसरे रूप में नजर आया था। हालांकि बाद में वे वापस कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
इसी तरह दुर्ग सांसद ताराचंद साहू ने भाजपा से अलग होकर स्वाभिमान मंच बनाया था। इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अन्य (cg congress news) क्षेत्रीय दल की भी मौजूदगी है, लेकिन इसका असर खास क्षेत्रों में ही है।
यह भी पढ़ें
हो जाए सावधान….कैशबैक देने के नाम पर साइबर ठगों ने युवती से ठगे लाखों रुपए, ऐसे दिए अपनी करतूत को अंजाम
टिकट के लिए सर्वे भी CG assembly elections 2023 : इस बार आम आदमी पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति बदल दी है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजीव झा कहते हैं कि हमारी हर गांव और वार्ड में टीम बनाकर तैयार है। टिकट के लिए सर्वे भी कराया गया है। इसके हिसाब से प्रत्याशी उतरेंगे। दिल्ली के बाद पंजाब में हमारी सरकार बनी। गुजरात (Aam Aadmi Party) में भी हमारे उम्मीदवारों ने चुनाव जीता है। छत्तीसगढ़ में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की दो सभा हुई है। इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी कहते हैं कि ग्राम स्तर पर हमारी समितियां बनी हुई है। चुनाव में इसका लाभ मिलेगा।