राष्ट्रीय योजना को बदलना चाहती है केजरीवाल सरकार
केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार किसी भी और योजना के तहत घर घर राशन बांट सकती है। केंद्र सरकार से दिल्ली को सरकारी दर पर अतिरिक्त राशन मिलेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून के अनुसार, दिल्ली अपने कोटे का पूरा अनाज (37,400 मीट्रिक टन) उठा रही है और उसका 90 फीसदी तक बंट भी रहा है। इसी प्रकार कोरोना काल में अलग से मुफ्त राशन देने की योजना (पीएम गरीब कल्याण योजना) के तहत दिल्ली ने अपने आवंटित कोटे से 176 फीसदी ज्यादा अनाज उठाया है। इसमें से 73 फीसदी बंट भी चुका है। दिल्ली सरकार को नियमों की जानकारी देते हुए केंद्र ने कहा कि सभी राज्यों को समान रूप से देखती है। दिल्ली सरकार एक राष्ट्रीय योजना को बदलना चाहती। इसके साथ ही दिल्ली सरकार अनाज की पिसाई आदि का खर्चा उपभोक्ताओं से वसूलना चाहती है।
‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ स्कीम दिल्ली में लागू नहीं
सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, केजरीवाल सरकार ने अबतक वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम को दिल्ली में अबतक लागू नहीं किया है। योजना लागू होने से करीब दस लाख से भी ज्यादा प्रवासी कामगारों को फायदा होता। इसके साथ ही वे अपना सस्ता अनाज ले सकते है। इसका दिल्ली सरकार पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा। वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम के तहत कोई भी राशनकार्ड धारी अपने कोटे का सरकारी अनाज वहीं से ले सकता है जहां वो रह रहा है।
दिल्ली की जनता को बरगला रहे हैं केजरीवाल
बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को बरगलाने की कोशिश की है। राशन योजना पर वे झूठ बोला रहे है। केंद्र सरकार होमस्टेप डिलीवरी राशन योजना को नहीं रोक रही है। संबित पात्रा ने आगे कहा कि केजरीवाल कह रहे है कि मोदी सरकार दिल्ली की गरीब जनता को उनके अधिकार से वंचित रख रहें और घर-घर राशन रोकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं हैं। केंद्र सरकार पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत दिल्ली में जरूरतमंदों को 2 रुपए में गेंहू दे रही है, जबकि केंद्र उसे 23 रुपए में खरीद रहा है। वहीं 33 रुपए खरीदकर दिल्ली की जनता को 2 रुपए में दे रही है।