झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि 29 दिसम्बर के बाद से सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में सभी कक्ष के छात्र अपना जाति प्रमाणपत्र बनवा सकेंगे। ये बात हेमान सोरेन ने एक प्रश्न के जवाब में कही। दारसल, भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सवाल किया था कि जब बांग्लादेश से आने वाले लोगों के लिए स्व घोषणा पत्र है तो ये सुविधा स्थानीय जनता के लिए क्यों नहीं है ? ये तो गलत बात है। इस बात पर झारखंड के मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया और ये ऐलान किया।
इसके बाद झारखंड के सीएम सोरेन ने कहा कि वह सदन झारखंड के लोगों का काम करने के लिए बैठे हैं, न कि बांग्लादेशी या पाकिस्तानी के लिए। इसके बाद बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल अवमानना के आरोप लगे। पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा बढ़ने लगा तो सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
इसके बाद झारखंड के सीएम सोरेन ने कहा कि वह सदन झारखंड के लोगों का काम करने के लिए बैठे हैं, न कि बांग्लादेशी या पाकिस्तानी के लिए। इसके बाद बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल अवमानना के आरोप लगे। पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा बढ़ने लगा तो सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
इससे पहले सोमवार को जेपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी में तनाव देखने को मिला था। हेमंत सोरेन ने जब JPSC के मुद्दे पर बोलना शुरू किया तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, इसके बावजूद हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर जमकर हमला किया।
यह भी पढ़ें: केवायसी के नाम पर खातों से से रुपए उड़ाने वाले गिरोह को झारखंड से दबोचा
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश में पहली बार है कि जेपीएससी में इतने बड़े पैमाने पर बच्चों ने परीक्षा दिया। हमने परीक्षार्थियों के लिए निशुल्क फॉर्म भरने दिया। इसे भाग्य कहें या दुर्भाग्य इसका जो रिजल्ट आया है और पिछड़े छात्र बच्चे सफल हुए जबकि सामान्य बच्चों के नंबर थोड़े कम आए, इस सफलता से मानुवादियों के पेट में दर्द होने लगा।’
इसके बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर निशान साधा था । उन्होंने ट्विटर पर कहा कि , ‘#JPSC के मामले पर अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन अब अनर्गल और बेतुका बयान दे रहे हैं। जब इनके नियुक्ति वर्ष और नौकरियों के वादे फुस्स हो गए, भ्रष्टाचार उजागर हो गया तो विरोध करने वालों को मनुवादी और विहिप के लोग बता बैठे।’
यह भी पढ़ें: केवायसी के नाम पर खातों से से रुपए उड़ाने वाले गिरोह को झारखंड से दबोचा
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश में पहली बार है कि जेपीएससी में इतने बड़े पैमाने पर बच्चों ने परीक्षा दिया। हमने परीक्षार्थियों के लिए निशुल्क फॉर्म भरने दिया। इसे भाग्य कहें या दुर्भाग्य इसका जो रिजल्ट आया है और पिछड़े छात्र बच्चे सफल हुए जबकि सामान्य बच्चों के नंबर थोड़े कम आए, इस सफलता से मानुवादियों के पेट में दर्द होने लगा।’
इसके बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर निशान साधा था । उन्होंने ट्विटर पर कहा कि , ‘#JPSC के मामले पर अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन अब अनर्गल और बेतुका बयान दे रहे हैं। जब इनके नियुक्ति वर्ष और नौकरियों के वादे फुस्स हो गए, भ्रष्टाचार उजागर हो गया तो विरोध करने वालों को मनुवादी और विहिप के लोग बता बैठे।’