इसके बाद झारखंड के सीएम सोरेन ने कहा कि वह सदन झारखंड के लोगों का काम करने के लिए बैठे हैं, न कि बांग्लादेशी या पाकिस्तानी के लिए। इसके बाद बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल अवमानना के आरोप लगे। पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा बढ़ने लगा तो सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
यह भी पढ़ें: केवायसी के नाम पर खातों से से रुपए उड़ाने वाले गिरोह को झारखंड से दबोचा
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश में पहली बार है कि जेपीएससी में इतने बड़े पैमाने पर बच्चों ने परीक्षा दिया। हमने परीक्षार्थियों के लिए निशुल्क फॉर्म भरने दिया। इसे भाग्य कहें या दुर्भाग्य इसका जो रिजल्ट आया है और पिछड़े छात्र बच्चे सफल हुए जबकि सामान्य बच्चों के नंबर थोड़े कम आए, इस सफलता से मानुवादियों के पेट में दर्द होने लगा।’
इसके बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर निशान साधा था । उन्होंने ट्विटर पर कहा कि , ‘#JPSC के मामले पर अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन अब अनर्गल और बेतुका बयान दे रहे हैं। जब इनके नियुक्ति वर्ष और नौकरियों के वादे फुस्स हो गए, भ्रष्टाचार उजागर हो गया तो विरोध करने वालों को मनुवादी और विहिप के लोग बता बैठे।’