तो भाजपा की आयुसीमा पर भारी पड़ा बीएस येदियुरप्पा का नंबर 76
BS Yeddyurappa की दावेदारी को मिली हरी झंडी
राज्यपाल से मिलकर येदियुरप्पा ने किया सरकार बनाने का दावा
शुक्रवार शाम 6 बजे युदियुरप्पा लेंगे सीएम पद की शपथ
नई दिल्ली। कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद माना जा रहा था कि भाजपा प्रदेश में जल्दबाजी में सरकार बनाने का काम नहीं करेगी। लेकिन शुक्रवार को अचानक बीएस येदियुरप्पा ने राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलने के बाद 6 बजे शाम सीएम पद की शपथ लेने का दावा कर दिया। इसके बाद से सारे सियासी समीकरण बदल गए।
सियासी गलियारों में इस बात पर जारी है चर्चा शुक्रवार को एकदम से भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा के सीएम पद की शपथ लेने की सूचना सामने आई। इसके सुर्खियों में आते ही सियासी गलियारों में गहमागहमी बढ़ गई। इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि क्या सरकार बनाने को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं में मतभेद है या येदियुरप्पा जल्दबाजी में हैं।
दरअसल 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से उम्रदराज नेताओं को हाशिये पर डालने की परंपरा शुरू हुई थी। तब सरकार और संगठन में उम्रदराज नेताओं को जिम्मेदारी न देने की अघोषित नीति बन गई थी। हालांकि येदियुरप्पा के मामले में पार्टी नेतृत्व इसे अलग मानकर चल रही है।
वैकल्पिक नेतृत्व जब मंगलवार को कुमारस्वामी सत्ता से बाहर हो गए थे। इसके तीन दिन बाद भी भाजपा की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। तब चर्चा शुरू हो गई कि कहीं भाजपा नेतृत्व 76 वर्षीय येदियुरप्पा की उम्र देखते हुए विकल्प तो नहीं तलाश रहा।
खबर है कि सीएम को लेकर केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा और अनंत हेगड़े का नाम भी लिया जा रहा था। हालांकि विधायकों के रुख को देखते हुए पार्टी ने इस बात पर जोर न देना ही उचित समझा।
सरकार के स्थायित्व पर सवाल कर्नाटक में सरकार के स्थायित्व को लेकर दुविधा थी। इस वजह से भाजपा नेतृत्व राष्ट्रपति शासन लगाने की योजना पर भी विचार कर रही थी। दरअसल, सवा साल पहले येदियुरप्पा सीएम पद की शपथ लेने के बाद भी बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाए थे।
कांग्रेस के 12 बागी विधायकों के मुद्दे पर स्पीकर ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है। बसपा के एक विधायक एन महेश ने विश्वासमत पर वोटिंग के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था।
इस मुद्दे को बसपा स्पीकर के सामने रख सकती है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए येदियुरप्पा ने बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को एक खत लिखा था। उन्होंने शाह को लिखे खत में सरकार के स्थायित्व का भी जिक्र किया था।
इस मुद्दे को बसपा स्पीकर के सामने रख सकती है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए येदियुरप्पा ने बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को एक खत लिखा था। उन्होंने शाह को लिखे खत में सरकार के स्थायित्व का भी जिक्र किया था।