भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद मनोज तिवारी, बुधवार को राजधानी दिल्ली में कोविड काल में बने अस्थाई अस्पतालों का हाल जानने पहुंचे तो किराड़ी में उन्हें 458 बेड का हास्पिटल ढूंढे नहीं मिला। भाजपा नेताओं ने मीडिया को बताया कि किराड़ी में अस्पताल तो दूर वहां एक ईट तक नहीं लगाई गई है। यह अस्पताल केजरीवाल सरकार की ओर से कोरोना काल में बनाए गए सात अस्थाई अस्पतालों में से एक है।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार की ओर से कागजों में यह 458 बेडों का अस्पताल 28 जून 2020 से चल रहा है जबकि आज वहां ना तो अस्पताल है और ना ही उसका अवशेष। जिसकी सच्चाई सबके सामने आ चुकी है। आदेश गुप्ता ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार के कहने पर डीडीए ने केजरीवाल सरकार को अस्पताल बनाने के नाम पर जमीन दिया था जिसके बाद दिल्ली सरकार ने 458 बेडो का अस्पताल बनाने की बात कही थी और उसने अपने कागजों में अस्पताल 28 जून 2020 को ही तैयार कर लिया था, लेकिन आज वहां बंजर जमीन, कीचड़, जगह-जगह गढ्ढों में भरा पानी और लटकते बोर्ड के अलावा कुछ नहीं है।
आदेश गुप्ता और मनोज तिवारी ने कहा कि अस्पताल के नाम पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के साथ धोखा किया है। कोरोना काल के दौरान किराड़ी में 600 मरीजों का इलाज भी किया गया था लेकिन आज वहां कुछ नहीं है। अस्पताल को आसमान निगल लिया या वह जमीन में समा गया, इसकी जानकारी अरविंद केजरीवाल ही दे सकते हैं क्योंकि वहां की जनता को भी इसके बारे में कोई खबर नहीं है। उन्होंने केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि अगर केजरीवाल में थोड़ी भी ईमानदारी बची है तो वह आकर बताए कि उन्होंने किराड़ी में अस्पताल कहां बनवाया है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि आज किराड़ी में अस्पताल के विज्ञापन पर केजरीवाल सरकार ने 27 करोड़ रुपये खर्च कर डाले। दुनिया का सबसे बड़ा लूट करने वालों का उदाहरण में केजरीवाल सबसे पहले आएंगे।