दरअसल असम विधानसभा ( Assam Assembly ) में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ( CM Sabrbanand Sonowal ) को बीजेपी छोड़ने और उनकी पार्टी के समर्थन से नई सरकार बनाने की पेशकश की है।
बीजेपी को लगा बड़ा झटका, जलकर खाक हुआ कार्यालय, इस पार्टी पर लगा बड़ा आरोप कांग्रेस एक बार फिर पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रीय नजर आ रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैकिया ने कहा है कि नई सरकार ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ और ‘बीजेपी’ विरोधी होगी।
नई सरकार बनाने में कांग्रेस करेगी मदद
दरअसल CAA की अधिसूचना जारी होने के बाद असम कांग्रेस के नेता देबब्रत सैकिया ने कहा कि अगर सोनोवाल अपने MLA के साथ बीजेपी छोड़ते हैं तो उनकी पार्टी सरकार बनाने में सोनोवाल की मदद करेगी। इतना ही नहीं नई सरकार में वह मुख्यमंत्री भी होंगे।
दरअसल CAA की अधिसूचना जारी होने के बाद असम कांग्रेस के नेता देबब्रत सैकिया ने कहा कि अगर सोनोवाल अपने MLA के साथ बीजेपी छोड़ते हैं तो उनकी पार्टी सरकार बनाने में सोनोवाल की मदद करेगी। इतना ही नहीं नई सरकार में वह मुख्यमंत्री भी होंगे।
कांग्रेस ने ये दिया फॉर्मूला
सैकिया ये भी कहा है कि असम में मौजूदा हालात यही इशारा करते हैं कि सोनोवाल को बीजेपी छोड़ देनी चाहिए। अपने 30 विधायकों के साथ निर्दलीय के रूप में सरकार से बाहर आ जाना चाहिए।
सैकिया ये भी कहा है कि असम में मौजूदा हालात यही इशारा करते हैं कि सोनोवाल को बीजेपी छोड़ देनी चाहिए। अपने 30 विधायकों के साथ निर्दलीय के रूप में सरकार से बाहर आ जाना चाहिए।
सीएए के विरोध के बीच इस राज्य में हुआ दिल दहला देने वाला धमाका, हर तरफ बिछा लाशों का ढेर उन्होंने कहा कि हम असम में बीजेपी विरोधी सरकार बनाने के लिए उनका समर्थन करेंगे और उन्हें फिर से सीएम बनाया जाएगा।
CAA की वजह से सोनोवाल को हो रहा नुकसान
सोनोवाल को सीएए की वजह से विरोध प्रदर्शनों को सामना करना पड़ रहा है। सैकिया की मानें तो सोनोवाल को लेकर नहीं बल्कि सीएए को लेकर जनता में नाराजगी है। ऐसे में सोनोवाल को कांग्रेस का प्रस्ताव मानकर बीजेपी छोड़ देनी चाहिए और असम के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए।
CAA की वजह से सोनोवाल को हो रहा नुकसान
सोनोवाल को सीएए की वजह से विरोध प्रदर्शनों को सामना करना पड़ रहा है। सैकिया की मानें तो सोनोवाल को लेकर नहीं बल्कि सीएए को लेकर जनता में नाराजगी है। ऐसे में सोनोवाल को कांग्रेस का प्रस्ताव मानकर बीजेपी छोड़ देनी चाहिए और असम के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए।
आपको बता दें कि राज्यसभा में पिछले साल 11 दिसंबर को सीएए पारित किए जाने के बाद से असम में बड़े पैमाने पर इसका विरोध हो किया जा रहा है।