संघ के सर्वे में भी भाजपा बहुमत से काफी दूर है। संघ के सर्वे में भाजपा को 27 से 30 सीटें मिलने का अनुमान है। पार्टी ने इस सर्वे में संथाल परगना के क्षेत्र में भारी नुकसान की बात पहले ही की थी। अंतिम चरण में इसी क्षेत्र में मतदान हुआ था और बम्पर मतदान इसी चरण में देखने को मिला। संघ के सर्वे में झामुमो को 22 से 25 सीटें और कांग्रेस को 10 सीटें दी गई हैं।
संघ ने झारखण्ड विकास मोर्चा (झाविमो) को तीन सीटें और आजसू को पांच सीटें दी हैं। संघ के इस सर्वे में प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की सीटें फंसी हुई दिखाई गईं हैं। इस सर्वे को आधार बनाकर पार्टी ने अपनी रणनीति भी बना ली है। रघुवर सरकार को बहुमत नहीं मिलने पर भाजपा हाईकमान ने प्रदेश के एक बड़े आदिवासी नेता को तैयार रहने को कहा है। माना जा रहा है कि बहुमत नहीं आने की सूरत में पार्टी इस आदिवासी नेता को आगे कर सकती है। इस नेता से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। बाबूलाल मरांडी से भी संघ के जरिए संपर्क साधा जा चुका है। पार्टी बाबूलाल मरांडी पर भी दांव लगा सकती है। फिलहाल 23 दिसंबर को चुनावी नतीजों का इंतजार है।
झारखंड विधानसभा की सभी 81 सीटों के लिए पांच चरण में मतदान कराए गए। पहले चरण के लिए 30 नवंबर, दूसरे चरण के लिए सात दिसंबर, तीसरे चरण के लिए 12 दिसंबर, चौथे चरण के लिए 16 दिसंबर और पांचवें चरण के लिए 20 दिसंबर को मतदान हुए थे। झारखंड में पहले चरण में 13, दूसरे चरण में 20, तीसरे चरण में 17, चौथे चरण में 15 और पांचवें चरण में 16 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराए गए। इस बार झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से नौ सीटें अनुसूचित जाति और 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं।