बड़ी खबरः वर्षों से नासा कर रहा था इस चीज की कोशिश, अचानक एक दिन ऑफिस में आया एक शख्स और कर दिया वो इस दौरान नड्डा ने कहा, “कांग्रेस ने देश का बंटवारा धर्म के आधार पर किया था। उस वक्त 20वीं सदी का सबसे बड़ा नरसंहार भी हुआ था। तब नेहरू जी ने कहा था कि जो लोग पाकिस्तान से भगाए जा रहे हैं, उन्हें हम रिलीफ फंड से सहायता देंगे। गांधी जी ने कहा था कि जो लोग उधर से इधर आ रहे हैं उनकी चिंता करना भारत सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। इंदिरा गांधी जी ने भी कहा था कि जो लोग वहां से प्रताड़ित होकर आए हैं उनको शरण देना भारत की जिम्मेदारी है। 2003 में मनमोहन सिंह ने भी यही कहा था।”
नड्डा ने आगे कहा, “डॉ. आंबेडकर ने उस समय बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा था कि जो लोग पाकिस्तान से भगाये जा रहे हैं, उनकी चिंता की जानी चाहिए और हमें कानून ऐसे बनाने चाहिए जो इनकी चिंता करे और इनको संभाल कर रखे। हमारे देश के संविधान में कहा गया कि भारत प्रजातंत्र होगा और धर्मनिरपेक्ष देश होगा। पाकिस्तान ने फैसला लिया था कि वो पाकिस्तान को इस्लामिक देश बनाएंगे। यानी वो इस्लाम धर्म मानेंगे।”
RSS की बैठक में जुटे देशभर के उलेमा और फिर हुआ ऐसा जिसके बाद हर तरफ मच गया हंगामा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष ने आगे कहा, “हमारे यहां कई मुस्लिम भाई राष्ट्रपति, चीफ जस्टिस, राज्यपाल बने और भारत में मुस्लिमों की आबादी 3 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत हो गई। हमने धर्म निरपेक्षता का पूरा पालन किया। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या 23 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत हो गई। आखिर 20 प्रतिशत लोग कहां गए?”
उन्होंने बताया, “जो लोग भारत में आए हैं उनमें 70 से 80 फीसदी दलित हैं, वो भारत आ चुके हैं और काफी समय से यहां रह रहे हैं। लेकिन उनके बच्चे का स्कूल में एडमिशन नहीं हो सकता था, न ही उन्हें अन्य कोई सरकारी सुविधाएं मिलती थीं, क्योंकि उनके पास भारत की नागरिकता नहीं थी। मोदी जी ने तय किया कि 31 दिसंबर 2014 तक जो लोग भारत आ गए हैं और जो भारत में आने का प्रमाण दे देगा, उसे हम नागरिकता दे देंगे। यही नागरिकता क़ानून हैं।”