दरअसल राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर हैं कि उत्तराखंड में सरकार के गठन को लेकर कुछ देरी हो सकती है। पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम पुष्कर धामी हार गए हैं, ऐसे में पार्टी के लिए सबसे बड़ा संकट यह होगा कि, किसको सीएम बनाया जाए।
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उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई थीं। तीन नाम भी उभकर कर सामने आए थे। इन्हें धन सिंह रावत, त्रिवेंद्र रावत और खुद पुष्कर सिंह धामी शामिल हैं। हालांकि इससे बड़ा एक और संकट सामने है जिसको लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर देरी की सबसे बड़ी वजह होलाष्टक बताया जा रहा है। दरअसल, 10 मार्च से होलाष्टक लगा है जो अगले आठ दिन होली तक रहेगा। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने भी ऐसे आसार जताए हैं कि होलाष्टक के कारण सरकार के गठन में देरी हो सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि 18 तारीख के बाद ही उत्तराखंड में आगे की रूपरेखा सामने आएगी।
होलाष्टक से क्या समस्या माना जाता है कि होलाष्टक के दौरान कोई शुभ या मंगल कार्य नहीं होता। बीजेपी आमतौर पर कोई अच्छा काम करने से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखती है।
उधर, गुरुवार को चुनाव परिणाम आने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) को इस्तीफा सौंप दिया।
पुष्कर धामी ने कैबिनेट के सदस्यों का इस्तीफा भी राज्यपाल को दिया। इससे पहले धामी ने राज्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक की और सबका धन्यवाद किया। इसके बाद वह चार मंत्रियों के साथ राजभवन चले गए।
राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर नई सरकार के गठन तक मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद सदस्यों को कार्यवाहक जिम्मेदारी देखने को कहा।
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