राजनीति

बिहारः नीतीश सरकार के खिलाफ तेजस्वी निकालेंगे सियासी रथयात्रा, बेरोजगारी भगाने का करेंगे दावा

अक्टूबर-नवंबर में होगा बिहार विधानसभा का चुनाव
इससे पहले सीएम नीतीश निकाल चुके हैं जल जीवन यात्रा
एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने दिया बिहारी फर्स्ट का नारा

Feb 19, 2020 / 11:29 am

Dhirendra

नई दिल्ली। बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी सात से आठ महीने का समय बाकी है। मगर सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से श्चुनावी मोडश् में आ गई हैं। ये पार्टियां चुनावी पिच का मुआयना करने के लिए अपने दिग्गज खिलाड़ियों को मैदान में उतार रही हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी कुछ ही दिन पहले अपनी जल-जीवन-हरियाली यात्रा समाप्त की है। इस यात्रा के माध्यम से मुख्यमंत्री अपने विकास कार्यो के बारे में लोगों को जानकारियां दी और सरकार के पर में माहौल बनाने का प्रयास किया।
कश्मीरी प्रतिनिधिमंडल को अमित शाह ने दिया बड़ा भरोसा, कहा- ‘आपका पुनर्वास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता’

दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल ( राजद ) के नेता तेजस्वी यादव ने भी यात्रा करने की योजना बनाई है। तेजस्वी 23 फरवरी से श्बेरोजगारी हटाओश् यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं। तेजस्वी इस यात्रा के माध्यम से जहां युवाओं को साधने की कोशिश करेंगे, वहीं बेरोजगारी को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर नीतीश की नीतियों को भी असफल बताने की कोशिश करेंगे। तेजस्वी की इस यात्रा के लिए पार्टी ने आधुनिक सुविधा से लैस एक बस को श्रथश् का रूप में देने जुटी है।
SIT पहुंची जामिया यूनिवर्सिटी, स्टाफ और छात्रों से की पूछताछ

23 फरवरी को पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में पहली सभा होगी। इसमें आरजेडी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। सभा को तेजस्वी यादव संबोधित करेंगे। उसके बाद रथ को हरी झंडी दिखाई जाएगी। रथ पर सवार होकर तेजस्वी पूरे बिहार का दौरा करेंगे और लोगों को बेरोजगारी के मुद्दे पर जागरूक करेंगे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( आरजेडी ) के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी ( एलजेपी ) के युवराज और पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान भी एक यात्रा के जरिए राज्य का दौरा करेंगे। 21 फरवरी से शुरू चिराग की यात्रा का नाम श्बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्टश् दिया गया है।
वाराणसी में रिक्शाचालक मंगल केवट से मिले पीएम मोदी, पूछा- आपका क्या हाल है?

लोजपा के अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद चिराग पासवान के लिए बिहार विधानसभा चुनाव अग्निपरीक्षा है। अध्यक्ष बनने के बाद चिराग झारखंड और दिल्ली चुनाव में असफल हो चुके हैं। ऐसे में बिहार में अपना जनाधार बनाए रखना चिराग के लिए बड़ी चुनौती है। पिछले साल नवंबर में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग को लोजपा के अध्यक्ष पद की कमान सौंपी थी। इसके अलावा कांग्रेस और भाजपा भी अपनी चुनावी रणनीतियों की तैयारी करने में जुटी है।
इसी बीच, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार भी इन दिनों नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में अपनी जन-गण-मन यात्रा के दौरान बिहार के दौरे पर हैं और सभाएं कर रहे हैं। कन्हैया अपनी सभाओं में जहां केंद्र और राज्य सरकार पर सियासी हमले बोल रहे हैं, वहीं इन सरकारों की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं।
जानिए कौन हैं शाहीन बाग पर मध्यस्थता करने वाले संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत

कहा जा रहा है कि कन्हैया इस चुनावी साल में अभी से वामपंथी दलों की खोई जमीन को तलाश रहे हैं तथा मतदाताओं को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
चुनावी वर्ष में चुनावी रणनीतिकार और जद (यू) के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मंगलवार को राजधानी में पहुंचकर बिहार की सियासत को और हवा दे दी। प्रशांत किशोर ने हालांकि किसी पार्टी या गठबंधन से जुड़ने की घोषणा तो नहीं की, लेकिन श्बात बिहार कीश् कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा कर युवाओं को जोड़ने की बात जरूर की।
अधिवक्ता संजय हेगड़े का बड़ा बयान- बहुत जल्द जाऊंगा शाहीन बाग, प्रदर्शनकारी से मिलकर

बहरहाल, सभी पार्टियों ने अपने दिग्गजों को चुनावी पिच का मुआयना करने के लिए तो मैदान में उतार दिया है, मगर अभी टॉस का इंतजार है। टॉस के बाद श्मैचश् शुरू होने पर ही पता चलेगा कि कौन सी पार्टी पिच को परखने में कितना सही साबित हुई।

Hindi News / Political / बिहारः नीतीश सरकार के खिलाफ तेजस्वी निकालेंगे सियासी रथयात्रा, बेरोजगारी भगाने का करेंगे दावा

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.