नीतीश कुमार 2005 के बाद से लगातार बिहार के सीएम की कुर्सी पर बरकरार हैं। बीच-बीच में उनके सियासी विचार बदलते रहते हैं जिसे वो अंतरात्मा की आवाज कहते हैं। साल 1994 में नीतीश कुमार ने अपने पुराने सहयोगी लालू यादव का साथ छोड़कर लोगों को काफी हैरान कर दिया था।
जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया लेकिन 1995 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा। 17 साल की दोस्ती के बीच 2003 में समता पार्टी बदलकर नीतीश कुमार ने जेडीयू बनाई।
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2013 तक बीजेपी और जेडीयू की दोस्ती कुछ उतार चढ़ाव के साथ बरकरार रही, लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वे खफा हो गए औऱ एक बार फिर अपने दोस्त लालू से दूरियां भुलाकर हाथ मिलाया और सरकार बनाई।
2017 में महागठबंधन में दरार पड़ी। बिहार के डिप्टी सीएम और लालू यादव के बेटे तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन पर इस्तीफे का दबाव बनने लगा, लेकिन आरजेडी ने तेजस्वी के इस्तीफा देने से इनकार किया। 26 जुलाई 2017 को नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया और लालू यादव की पार्टी आरजेडी से नाता तोड़कर फिर से एनडीए के साथ हो लिए।
जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया लेकिन 1995 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा। 17 साल की दोस्ती के बीच 2003 में समता पार्टी बदलकर नीतीश कुमार ने जेडीयू बनाई।
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2013 तक बीजेपी और जेडीयू की दोस्ती कुछ उतार चढ़ाव के साथ बरकरार रही, लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वे खफा हो गए औऱ एक बार फिर अपने दोस्त लालू से दूरियां भुलाकर हाथ मिलाया और सरकार बनाई।
2017 में महागठबंधन में दरार पड़ी। बिहार के डिप्टी सीएम और लालू यादव के बेटे तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन पर इस्तीफे का दबाव बनने लगा, लेकिन आरजेडी ने तेजस्वी के इस्तीफा देने से इनकार किया। 26 जुलाई 2017 को नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया और लालू यादव की पार्टी आरजेडी से नाता तोड़कर फिर से एनडीए के साथ हो लिए।
2020 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालांकि सीटें बीजेपी की ज्यादा रहीं बावजूद नीतीश कुमार सीएम बने। लेकिन बीजेपी की ओर से लगातार अपमान किए जाने से वो नाराज होते चले गए और दो साल बाद यानी 2022 में ही उन्होंने अपनी अंतररात्मा की आवाज सुनी और एक बार फिर आरजेडी यानी लालू की पार्टी से नजदीकी बढ़ाई और जल्द ही मिलकर सरकार बनाएंगे।
नीतीश कुमार दावत-ए-इफ्तार के मौके पर राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे थे। ईद मिलन के इस कार्यक्रम में ही जेडीयू आरजेडी के बीच की दूरियां कम हो गई थीं।
तेजस्वी और राबड़ी देवी समेत कई दूसरे आरजेडी नेताओं (RJD Leaders) ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था। तब से ही बिहार में सियासी बदलाव की अटकलें लगने लगी थीं। आखिरकार ऐसा ही हुआ और मुहर्रम पर नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू ने बीजेपी से नाराजगी के चलते एनडीए छोड़ने का ऐलान कर दिया।
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