यही वजह है कि आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा लगभग खेमेबंदी से बाहर हो चुके हैं। अब उनके पास एक ही चारा है कि वो जाप नेता पप्पू यादव, वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी और असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर बिहार में तीसरा मोर्चा बना लें।
दांव पड़ा उल्टा दरअसल, बिहार में चुनाव प्रचार चरम पर है, लेकिन आरएलएसपी अभी तक यह तय नहीं कर पाई कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उसका प्रत्याशी कौन होगा। इस स्थिति के लिए उपेंद्र कुशवाहा खुद जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसा इसलिए कि उन्होंने हमेशा से दो नावों की सवारी की है। इस बार उनकी सियासी खिचड़ी न तो महागठबंधन में पकी, न एनडीए में।
Bihar Chunav : इन मुद्दों से तय होगा मतदाताओं का सियासी रुख, जानें किसका पलड़ा कितना भारी? आरएलएसपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया है उसके बाद से तय हो गया है कि वह महागठबंधन से अलग होंगे।
उपेंद्र कुशवाहा ने क्या कहा? आरएलएसपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी लोग अगर मजबूती के साथ होते तो आरजेडी जिस नेता को खड़ा करती उसके पीछे रहकर बिहार में परिवर्तन करना संभव था। आज भी सीट शेयरिंग का मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। एक-दो साथी हमारे छूटेंगे, हमारे मन में था हम उन्हें समझा लेंगे। पर यहां एक-दो साथी की बात नहीं है। अहम सवाल बिहार का है।
Gupteshwar Pandey ने खोला सियासी पत्ता, पहली बार एनडीए में जाने के दिए संकेत बिहार की जनता ऐसा नेतृत्व चाहती है जो नीतीश कुमार के सामने ठिक सके। तभी बिहार के लोग विपक्ष का साथ देंगे। आज भी हमारे मन में है कि राष्ट्रीय जनता दल अगर तय करे कि हम अपना नेतृत्व बदल देंगे तो उपेंद्र कुशवाहा अपने लोगों को समझा लेगा।
नीतीश का टका सा जवाब? जब सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया की ओर से यह पूछा गया कि क्या उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में आ रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है। मुझे इतना पता है कि जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग होकर एनडीए का हिस्सा बने हैं।
आरजेडी ने बोला हमला आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तेजस्वी के खिलाफ बयान देने के बाद यहां तक कह दिया कि जिन लोगों को एनडीए में दुत्कारा गया, उन्हें आरजेडी ने सम्मान दिया। आज वही लोग तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के पास न संगठन है, न पर्याप्त प्रत्याशी हैं। वह भी अगर अलग जाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
हालांकि, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव या तेजप्रताप यादव ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है, जिससे उनके महागठबंधन में बने रहने की गुंजाइश मानी जा सकती है। Bihar Assembly Election 2020 : चुनाव आचार संहिता लागू, जानें बदलाव और सियासी महासमर से जुड़ी 10 प्रमुख बातें