राजनीति

Bihar Election 2020 : रामविलास पासवान के बाद सबसे बड़ा दलित नेता कौन?

रामविलास पासवान के निधन के बाद से बिहार में सबसे बड़े दलित नेता को लेकर बहस चरम पर है।
चिराग पासवान और मुकेश सहनी के उभार के बीच आरजेडी और कांग्रेस ने दलित नेताओं को फ्रंट पर ला खड़ा किया है।

Oct 13, 2020 / 09:50 am

Dhirendra

रामविलास पासवान के निधन के बाद से बिहार में सबसे बड़े दलित नेता को लेकर बहस चरम पर है।

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से हर बार की तरह इस बार भी दलित सियासत चरम पर है। खासकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद से इस बहस ने पहले से ज्यादा पकड़ लिया है। ऐसा इसलिए कि लालू यादव और नीतीश कुमार के बाद बिहार के सबसे बड़े नेता रामविलास पासवान के निधन से उनका स्थान खाली है। राजनीतिक पार्टी के बड़े दलित नेता ये दिखाने की होड़ में लगे हैं कि दलितों के सबसे बड़े हितैषी वही हैं। आइए हम आपको बताते हैं दलितों के नेता बनने का दावा कर रहे नेताओं की वर्तमान में हैसियत क्या है?
1. मीरा कुमार

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार बिहार की राजनीति में एक बड़े दलित चेहरे के तौर पर पहचान रखती हैं। बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार बिहार से ज्यादा केंद्र की सियासत करती रही हैं और गांधी परिवार की बेहद करीबी मानी जाती हैं।
2. जीतन राम मांझी

हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के संस्थापक व बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी दलित सियासत की बड़ी पहचान हैं। वे जेडीयू की तरफ से एक बार बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वहीं, राजनीतिक रूप से भी मांझी आज की सियासत में महत्वपूर्ण भूमिका में आ गए हैं। इस बार एनडीए के साथ बिहार की सियासत में अहम भूमिका निभाने में जुटे है।
3. चिराग पासवान

बिहार के सबसे बड़े दलित नेता रामविलास पासवान के पुत्र और इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले चिराग पासवान के पास 1 करोड़ 84 लाख रुपए की संपत्ति है। वह लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और बिहार की सियासत में महत्वपूर्ण रोल में आ गए हैं। वह युवा होने के साथ रामविलास पासवान के राजनीतिक उतराधिकारी भी हैं। फिलहाल वेा एलजेपी को पहले से ज्यादा मजबूत करने में लगे हैं।
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4. मुकेश सहनी

मुजफ्फरपुर के रहने वाले मुकेश सहनी राजनीति में कदम रखने से पहले बॉलीवुड फिल्मों में सेट डिजाइनर थे। मुकेश सहनी ने एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी भी खोली थी जिसका नाम उन्होंने मुकेश सिने वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड रखा था। शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्म देवदास का सेट भी साहनी ने ही बनाया था। 2013 में मुकेश साहनी ने बिहार की राजनीति में कदम रखा। नवंबर 2018 में विकासशील इंसाफ पार्टी का गठन किया। इस बार वो एनडीए कोटे के 11 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
5. अशोक चौधरी

जेडीयू नेता महावीर चौधरी के राजनीतिक उत्तराधिकारी अशोक चौधरी फिलहाल बिहार सरकार में मंत्री हैं और नीतीश कुमार के बेहद ख़ास हैं। बिहार में उनकी जेडीयू के बड़े दलित नेता के तौर पर पहचान हैं। अशोक की संपत्ति 72 लाख 90 हज़ार रुपए की है। वे पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
6. छेदी पासवान

छेदी पासवान सासाराम से बीजेपी के सांसद हैंं। वो बीजेपी के बड़े नेता माने जाते हैं। उनकी कुल संपत्ति 3 करोड़ 77 लाख रुप है। बीजेपी छेदी पासवान को दलित चेहरा के तौर पर उभारने की कोशिश में है, क्योंकि छेदी पासवान ने मीरा कुमार जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेता को शिकस्त दी है।
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7. श्याम रजक

हाल ही जेडीयू छोड़ आरजेडी में शामिल हुए श्याम रजक लालू राज में भी मंत्री रहे। नीतीश कुमार के राज में भी दो बार मंत्री बने हैं। दलित सियासत के बड़े नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश में लगे श्याम रजक के पास फिलहाल घोषित संपत्ति 3 करोड़ 16 लाख 71 हजार रुपए की है। अब श्याम रजक आरजेडी की ओर से एनडीए के दलित नेताओं को जवाब सियासी पटखनी देने में जुटे हैं।
8. महेश्वर हजारी

पूर्व सांसद और 5 बार के विधायक रहे रामसेवक हजारी के पुत्र हैं। फिलहाल ये बिहार सरकार में मंत्री हैं। महेश्वर हजारी 4 बार विधायक और एक बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। जेडीयू के बड़े दलित चेहरा माने जाते हैं। महेश्वर की संपति 1 करोड़ 91 लाख 73 हज़ार रुपए की है। नीतीश कुमार ने इनके कद को बढ़ाने के लिहाज से दो- दो मंत्रालय दिया है।
9. रमई राम

बिहार सरकार में मंत्री और कई बार विधायक रह चुके रमई राम की कभी तूती बोलती थी। दलितों की बात करने वाले रमई राम की कुल संपति लगभग 1 करोड़ 89 लाख रुपए है। लंबे समय से हाशिए में रहने के बाद रमई राम को आरजेडी ने फिर से फ्रंट पर ला खड़ा किया है।
10. उदय नारायण चौधरी

बिहार विधानसभा के 2 बार अध्यक्ष रह चुके उदय नारायण चौधरी कभी नीतीश के ख़ास माने जाते थे। अब वे लालू यादव के ख़ास माने जाते हैं जो आरजेडी के लिए दलित सियासत को धार दे रहे हैं। इनकी संपत्ति 1 करोड़ 16 लाख रुपए की है।
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11. जनक चमार

बीजेपी के पूर्व सांसद पार्टी के दलित चेहरा माने जाते हैं। बीजेपी की तरफ से दलित राजनीति में इनकी प्रमुख भूमिका मानी जाती है। इनकी कुल संपत्ति 3 करोड़ 77 लाख रुपए की है। ये फिलहाल भाजपा में दलित सियासत को धार दे रहे हैं।
12. अशोक राम

पूर्व कांग्रेसी और बिहार सरकार में मंत्री रहे बालेश्वर राम के पुत्र अशोक राम पुराने कांग्रेसी हैं। वर्तमान में वो कांग्रेस के प्रमुख दलित नेता माने जाते हैं। राजनैतिक पृष्ठभूमि के माने जाने वाले अशोक राम अपने पिता की राजनीति को आगे बढ़ा दलित सियासत के बड़े चेहरे बनने की कोशिश कर रहे हैं। अशोक की कुल संपत्ति 63 लाख रुपए के आसपास है।

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